Heatwave: 47 डिग्री के पार पहुंचा पारा, पेड़ों से गिरकर मरने लगे पंछी, रोडवेज ड्राइवर की मौत
Hamirpur Weather News: हमीपुर जिले मे कल सोमवार को पारा 46 डिग्री था जो आज मंगलवार को बढ़ कर 47 डिग्री पार कर गया है, जिससे जन जीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त को गया है. भीषण गर्मी का यह सितम पूरे हमीरपुर जिले के साथ साथ बुंदेलखंड के सभी जिलों बांदा, महोबा, चित्रकूट, जालौन, झांसी और ललितपुर जिलों मे भी देखने को मिल रहा है. कल जब 46 डिग्री था तब एक रोडवेज बस के चालक की मौत हो गयी थी तो वहीं वोटों से भारी EVM मसीनो की रखवाली कर रहे पुलिस दरोगा की स्टारांग रूम के सामने हीट स्ट्रोग से हालत खराब हो गयी थी, जिसे इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है.
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View In Appशरीर को झुलसा देने वाली लू और गर्म हवाओं के कारण ज्यादातर लोग घरों में दुबके रहते है. बाहर निकलने वाले लोग गर्मी से बचाव करते नजर आ रहे हैं. झुलसा देने वाली गर्मी से लोग बिलबिला उठे हैं. नौतपा में गर्मी बढ़ने से लोग घरों में दुबके रहे हैं, ऐसे में बिजली भी दगा दे रही है. मजबूरी में बाहर निकले लोग पूरी तरह शरीर को ढके हुए नजर आ रहे हैं. गांव, कस्बे और शहर आए बाइक सवारों को कई बार दुकानों और पेड़ की छांव में रुक कर पानी पीना पड़ रहा है. वहीं शीतल पेय पदार्थों के स्टालों में भीड़ देखने को मिल रही है.
हमीरपुर जिले के डी एम राहुल पाण्डेय ने लोगों को हीट स्ट्रोग से बचने के लिए बिना काम के घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है. तो वहीं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, हमीरपुर की तरफ से जनहित में लू प्रकोप और गर्म हवा से बचाव हेतु जनहित में एडवाइजरी जारी किया गया है. जनपद में लगातार तापमान बढ़ने के साथ-साथ गर्म हवा, लू का प्रकोप भी बढ़ गया है. लू से जनहानि भी हो सकती है. इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली जनहानि की रोकथाम के लिए जरूरी सावधानियां और बचाव में “क्या करें , क्या न करें” का जनपद स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है.
गर्मी से बचने के खास उपाए-कड़ी धूप में बाहर न निकालें खासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक के बीच में. जितनी बार हो सके पानी पियें प्यास न लगे तो भी पानी पिएं. हल्के रंग के ढीले– ढीले सूती कपड़े पहने. धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें. सफर में अपने साथ पानी रखें. शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पढ़ार्थों का इस्तेमाल न करें. यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं. अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें.
अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. घर मे बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम का पना, इत्यादि का सेवन करें. जानवरों कों छांव मे रखें और उन्हे खूब पानी पीने को दें. अपने घर को ठंडा रखें, पर्दा, शटर आदि का इस्तेमाल करें. रात मे खिड़कियां खुली रखें. फैन, ढीले कपड़े का उपयोग करे. ठंडे पानी से बार- बार नहाएं.
गर्मी के दौरान क्या न करें- 1. धूप मे खड़े वाहनों मे बच्चों और पालतू जानवरों को न छोड़े. (2) खाना बनाते समय कमरे के खिड़की और दरवाजे खुले रखें, जिससे हवा का आना जाना बना रहे. (3) नशीले पदार्थ, शराब तथा एल्कोहल के सेवन से बचें. (4) उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें. बासी भोजन न करें. (5) खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें. ताकि बाहर की गर्मी को अंदर आने से रोका जा सके.
(6)उन खिड़कियों और दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैं काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए. (7) स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें.
(8) जहां तक संभव हो घर मे ही रहें और सूर्य के संपर्क से बचें. सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें. (9) संतुलित, हल्का और नियमित भोजन करें. (10) घर से बाहर अपने शरीर और सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें. (11) आपात स्तिथि से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें.(अरूण श्रीवास्तव कि रिपोर्ट)
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