सीएम Yogi Adityanath का मठ के महंत से यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर कैसा रहा, तस्वीरों से जानिए
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) दूसरी बार काबिज हो गए हैं. गोरखपुर से राजनीतिक सफर शुरू कर दिल्ली पहुंचने वाले और फिर वापस यूपी की सियासत का सबसे बड़ा चेहरा बनने वाले योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं. चलिए तस्वीरों से जानते हैं संन्यासी से लेकर यूपी के दूसरी बार सीएम बनने तक योगी आदित्यनाथ का सफर कैसा रहा.
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View In Appवहीं सन्यास लेने के बाद अवैद्यनाथ ने 1998 में अपनी जगह योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़वाया, जिसके बाद चुनाव जीतकर सिर्फ 26 साल की उम्र में योगी लोकसभा में पहुंच गए. तब से लगातार गोरखपुर लोकसभा सीट पर योगी का कब्जा रहा.
योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक घटना से हुई थी. दरअसल बताया जाता है कि गोरखपुर शहर के गोलघर इलाके में गोरखनाथ मंदिर से संचालित इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ छात्र एक दुकान पर कपड़ा खरीदने के लिए गये और उनका दुकानदार से कुछ विवाद हो गया. दुकानदार ने रिवॉल्वर तक निकाल ली थी. वहीं घटना के दो दिन बाद दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर एक युवा योगी के नेतृत्व में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया और वे एसएसपी आवास की दीवार पर भी चढ़ गए थे. इसी के बाद गोरखपुर की राजनीति में योगी की एंट्री हो गई थी.
योगी आदित्यनाथ की पहचान कट्टर हिन्दू छवि वाली है. राजनीति में अपनी पहचान बनाने के बाद उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था.
2007 में गोरखपुर दंगे में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई. पांच बार योगी आदित्यनाथ सांसद रहे.
योगी ने बीजेपी के फायरब्रांड नेता के रूप में अपनी छवि बनाई. वहीं 2017 में बीजेपी को प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला और पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज कर दिया.
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने प्रथम कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने में कोई कमी नहीं छोड़ी. आज यूपी सुरक्षित राज्य कहा जाने लगा है. यूपी के मॉडल को अन्य राज्यों द्वारा उतारे जाने की जिज्ञासा देखी जा रही है.
योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह अपने प्रथम कार्यकाल में जनता के भरोसे पर खुद को खरा साबित किया है. उम्मीद है कि अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान भी वो जनता जनार्दन को निराश नहीं करेंगे. उनके नेतृत्व में यूपी विकास की नई इबारत लिखने को तैयार नजर आ रहा है.
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