Dev Deepawali 2021: वाराणसी में देव दीपावली पर दिखा अद्भुत नजारा, 15 लाख दीयों से जगमगाए काशी के 84 घाट, देखिए ये मनमोहक तस्वीरें
Dev Deepawali: शुक्रवार को भगवान शिव की नगरी काशी में बहुत ही भव्य तरीके से देव दीपावली मनाई गई. इस दौरान काशी एक बार फिर ऐतिहासिक नजारों का गवाह बनी. और अपनी आंखों से मनमोहक नाजारे को देखने के लिए लाखों लोग गंगा घाटों पर पहुंचे. आप भी देखिए इस अद्भुत नजारे की कुछ तस्वीरें.....
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View In Appदेव दीपावली पर पचगंगा घाट पर हजारों दीयों और शिवाला घाट पर लेजर शो के आयोजन ने खूब समां बांधा. इश दौरान लोगों को अस्सी के सामने इलेक्ट्रानिक आतिशाबाजी देखने का भी मौका मिला. इसके साथ ही दर्जनों घाटों पर चले रहे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी लोगों का खूब मन मोहा. बता दें कि शहर के कई सरकारी संस्थानों, भावनों और बिजली के खंबो को भी देव दीपावली पर तिरंगे रंग की झालरों से सजाया गया था.
देव दीपावली पर गंगा तट पर अलौकिक छटा देखने को मिली. और इसे देखने के लिए कई बड़ी हस्तियां भी वाराणसी पहुंची थी. केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राजघाट पर देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया. इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, उमा भारती सहित कई बड़ी हस्तियां इस अद्भुत नजारे की साक्षी बनीं.
भगवान शिव को समर्पित इस विशेष आयोजन में काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा अंचलों में मारकंडेय महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, सारंगनाथ महादेव, बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर और दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में भी शाम होते ही असंख्य दीपों की लड़ियों ने प्रकाश पर्व के आयोजन को और गति दी.
काशी की दूसरी प्रमुख वरुणा नदी के तट पर भी दिन ढलने के साथ ही दीपों की रोशनी जगमगाने लगी थी. और देव दीपावली पर गंगा घाट पर ही इस बार 15 लाख दीये जलाने का दावा किया जा रहा है.
काशी के घाटों पर देव दीपावली के दिन दोपहर तीन बजे से ही आस्था का सैलाब उमड़ा पड़ा. और शाम तक लोगों को घाट पर पांव रखने की भी जगह मिलनी मुश्किल गो गई थी. देव दीपावली के लिए काशी के हर घाट को बहुत ही सुंदर सजाया गया था. जो लोगों का मन मोह रहा था. वहीं पंचगंगा घाट पर प्रकाशित होने वाला हजारा का मंच भी अनोखे जल प्रकाश पर्व पर आभा बिखेरता नजर आया.
वहीं हाल ही में कनाडा से वापसी आई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति भी इस दौरान आकर्षण का केंद्र बनीं. बता दें कि ये मूर्ति लगभग 108 साल बाद काशी लाई गई है. देव दीपावली पर इस प्रतिकृति को प्रदर्शित करने की परिकल्पना धनावती देवी ने की.
पांच ब्राह्मणों ने इस दौरान पंचगंगा की महाआरती भी की. बता दें कि पंचगंगा में गंगा, यमुना, सरस्वती, किरणा और धूतपापा नदियां शामिल हैं. पूजन के बाद पूर्वांचल के गायकों मे अपने भजनों से वहां समां बाधा.
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