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Uttarakhand Election 2022: कैमरे पर छलके आंसू, बीजेपी से निकाले जाने के बाद रोते हुए बोले हरक सिंह रावत- पार्टी ने मेरे साथ धोखा किया

हरक सिंह रावत
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Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही सियासत गरमाती जा रही है. दरअसल राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है, इसके साथ ही बीजेपी ने भी उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से भी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. अपने निष्कासन के बाद हरक सिंह रावत काफी इमोशनल होते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया है. उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी बल्कि पार्टी ने उन्हें निकाला है.
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पार्टी से निकाले जाने के बाद जब एबीपी गंगा ने हरक सिंह रावत से बात की तो वो इमोशनल हो गए. उन्होंने कहा कि "अमित शाह ने मुझसे कहा था कि अंतिम समय तक दोस्ती रहेगी मुझे इस बात पर फख्र है कि मैंने अमित शाह से दोस्ती निभाते हुए पार्टी नही छोड़ी बल्कि उन्होंने मुझे निकाला. टिकट की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी से ये कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं. मेरी बहू अनुकृति को चुनाव लड़वा दें. उस समय प्रहलाद जोशी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे."
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हरक सिंह रावत ने आगे बात करते हुए कहा कि उन्होंने कभी कांग्रेस से बात नहीं की थी. ये खबर फर्जी है, लेकिन अब मैं बिना किसी शर्त के कांग्रेस से बात करुंगा, चाहे वो मुझे टिकट दें, बहू को टिकट दें या दोनों को टिकट दें. हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं मुझे उनका नेतृत्व स्वीकार है. उन्होंने कहा कि मैं जब मंत्री था तो त्रिवेंद्र रावत पीए थे, तीरथ को मैंने चुनाव लड़ाया और पहनने को कपड़े दिए, धामी भी मेरे सामने पीए थे, वो कई घंटे मेरे इंतजार में खड़ा रहता था. जब इनके नेतृत्व में मैंने काम कर लिया, तो हरीश रावत 1980 में सांसद हो गए थे.
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बीजेपी से निष्कासित होने के साथ ही उनके सुर भी बदल गए. हरक सिंह ने कहा कि मैं बड़े वादे नहीं करता लेकिन कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी. बीजेपी ने कई सीएम बदलें हैं जो लोग मुझे दलबदलू कहते है उनको बता दूं कि मैं आरएसए और विद्यार्थी परिषद में रहकर बीजेपी का जिलाध्यक्ष रहा लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनी की इधर उधर हो गया. मैंने हमेशा उत्तराखंड के विकास के लिए काम किया है. राज्य में भी और राज्य बनाने के लिए जंतर-मतर पर आंदोलन भी किया था.
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खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर हरक सिंह ने कहा कि मैं कोटद्वार से चुनाव लड़ूंगा या कही और से, ये कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद पार्टी ही तय करेगी.
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क्यों निकाले गए हरक सिंह रावत? - दरअसल हरक सिंह रावत अपने करीबियों के लिए टिकट मांग रहे थे. जिसे लेकर वो लगातार पार्टी पर दबाव भी बना रहे थे. सीएम धामी ने कहा कि "वो हमारी पार्टी में आए, उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ चलने वाली पार्टी है. कई बार उनकी कुछ बातों से हम असहज हुए. स्थितियां ऐसी हुई कि वो पार्टी पर दबाव बना रहे थे, जिसके बाद पार्टी ने ये फैसला लिया है." इसके साथ ही धामी ने एक बार फिर से कहा कि अब बीजेपी एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देगी
Published at : 17 Jan 2022 01:24 PM (IST)
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डॉ ख्याति पुरोहितस्वतंत्र पत्रकार व अध्यापिका
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