Uttarakhand Famous Lakes: उत्तराखंड की की वो पांच झीलें, जिनकी खूबसूरती देख भूल जाएंगे स्विट्जरलैंड, ट्रिप पर जा रहे हैं तो जरूर करें एक्सप्लोर
उत्तराखंड की खूबसूरती को लेकर कोई दोराय नहीं है. देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों की महत्वता तो है ही इसके अलावा राज्य में एक से बढ़कर एक खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस भी मौजूद हैं. आज हम आपको देवभूमि की उन खूबसूरत झीलों के बारे में बताएंगे जो पहाड़ों के बीच बनी हैं और पर्यटकों के लिए एक खास अनुभव और आनंद देती हैं. शायद आपने भी इन माउंटेन लेक्स के बारे में कुछ सुना हो लेकिन अगर नहीं सुना है तो आपको बताते हैं ताकि आप उत्तराखंड घूमने जाएं तो यहां भी लुत्फ उठा सकें.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appदेव ताल - गढ़वाल जिले में मौजूद देवताल झील को देवताओं का तालाब भी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां आकर देवता स्नान और ध्यान करते थे. माना पास से करीब तीन किलोमीटर दूर ये झील बर्फीले पहाड़ों से घिरी है और बेहद सुंदर नजारे यहां आपको देखने को मिलेंगे.
केदार ताल - मीठे पानी और अलौकिक संरचना वाली झील केदार ताल का अलग धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद निकले विष को पीने के बाद भगवान शिव ने केदार ताल का जल पीकर ही अपने कंठ की अग्नि को शांत किया था. स्थानीय लोग इसे अछराओं का ताल भी कहते हैं.
रूपकुंड झील - चमोली जिले में 5,000 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद रूपकुंड झील अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है. ये झीस साल के ज्यादा वक्त जमी हुई रहती हैं लेकिन जैसे ही गर्मियां आती हैं और पानी पिघलता है तो झील में तैरते मानव कंकाल इस जगह को चर्चित बना देते हैं. कहा जाता है कि यहां 500 से ज्यादा नर कंकाल मौजूद हैं. हाल के दिनों में यहां काफी संख्या में टूरिस्ट आते हैं. हालांकि तमाम शोध के बावजूद अभी तक कंकाल का रहस्य नहीं सुलझ सका है.
सातताल झील - सात झीलों से मिलकर बनी ये झील अपने नाम की ही तरह विंहगम दृश्यों का एहसास देती है. हालांकि सात में से कुछ झील वक्त के साथ सूख गई हैं. लेकिन यहां का वातावरण आपको एक अलग अनुभव देता है. नैनीताल से करीब 25 किलोमीटर दूर ये झील बेहद खास है.
हेमकुंड झील - हेमकुंड साहिब धाम में मौजूद हेमकुंड झील एक पवित्र स्थल है. अहम बात ये कि साल को दो तिहाई हिस्से में ये झील जमी रहती है. मान्यता है कि गुरु गोबिंद सिंह ने इस झील के किनारे तपस्या की थी. यहां हर साल बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु आते हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -