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Uttarakhand News: कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की सबसे बड़ी आबादी, घूमना चाहते हैं तो जान लें ये बातें

Jim Corbett National Park: कॉर्बेट नेशनल पार्क, जो पहले हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पुराने और वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है. नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला है.

Jim Corbett National Park: कॉर्बेट नेशनल पार्क, जो पहले हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पुराने और वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है. नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला है.

कार्बेट नेशनल पार्क में सिर्फ बाघ ही नहीं, पक्षियों, तितलियों, हाथियों और तेंदुए की भी अच्छी खासी संख्या है.

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उत्तराखंड स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क, जो पहले हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पुराने और प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है. 1936 में स्थापित इस पार्क का नाम प्रकृति प्रेमी और शिकारी से वन्यजीव संरक्षक बने जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है.
उत्तराखंड स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क, जो पहले हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पुराने और प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है. 1936 में स्थापित इस पार्क का नाम प्रकृति प्रेमी और शिकारी से वन्यजीव संरक्षक बने जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है.
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यह पार्क उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला है और 1,288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है हर साल कॉर्बेट पार्क पर्यटकों के लिए 15 जून को बंद हो जाता है जबकि 15 नवंबर से फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है.
यह पार्क उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला है और 1,288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है हर साल कॉर्बेट पार्क पर्यटकों के लिए 15 जून को बंद हो जाता है जबकि 15 नवंबर से फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है.
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यह पार्क भारत के बाघों की सबसे बड़ी आबादी का घर है. यहां बाघों के अलावा, 1,200 से अधिक हाथी, विभिन्न प्रकार के हिरण, तेंदुए, मगरमच्छ, जंगली सूअर, और कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं.पार्क के जंगलों में साल, चीड़, और बांस के पेड़ अधिक संख्या में हैं, जो यहां की सुंदरता को और बढ़ाते हैं.
यह पार्क भारत के बाघों की सबसे बड़ी आबादी का घर है. यहां बाघों के अलावा, 1,200 से अधिक हाथी, विभिन्न प्रकार के हिरण, तेंदुए, मगरमच्छ, जंगली सूअर, और कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं.पार्क के जंगलों में साल, चीड़, और बांस के पेड़ अधिक संख्या में हैं, जो यहां की सुंदरता को और बढ़ाते हैं.
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कॉर्बेट पार्क तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट है, जो पार्क से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां से पार्क तक टैक्सी या बस की सुविधा उपलब्ध है.
कॉर्बेट पार्क तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट है, जो पार्क से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां से पार्क तक टैक्सी या बस की सुविधा उपलब्ध है.
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कॉर्बेट पार्क का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है, जो दिल्ली, मुरादाबाद, और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. रामनगर से पार्क की दूरी केवल 15 किलोमीटर है.
कॉर्बेट पार्क का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है, जो दिल्ली, मुरादाबाद, और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. रामनगर से पार्क की दूरी केवल 15 किलोमीटर है.
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कॉर्बेट पार्क सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. दिल्ली से रामनगर तक की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है. यहां से पार्क तक टैक्सी या बस के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
कॉर्बेट पार्क सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. दिल्ली से रामनगर तक की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है. यहां से पार्क तक टैक्सी या बस के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
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कॉर्बेट नेशनल पार्क में प्रवेश के लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी होती है. उत्तराखंड वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या कुछ निजी ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से की जा सकती है. पार्क में सर्दियों और गर्मियों के महीनों में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं, इसलिए समय से पहले बुकिंग कराना बेहतर होता है.
कॉर्बेट नेशनल पार्क में प्रवेश के लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी होती है. उत्तराखंड वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या कुछ निजी ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से की जा सकती है. पार्क में सर्दियों और गर्मियों के महीनों में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं, इसलिए समय से पहले बुकिंग कराना बेहतर होता है.
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धिकाला जोन यह पार्क का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध क्षेत्र है. यहां से बाघों और हाथियों को देखने का अच्छा मौका मिलता है. झिरना जोन यह जोन पूरे साल खुला रहता है और यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव देखे जा सकते हैं.
धिकाला जोन यह पार्क का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध क्षेत्र है. यहां से बाघों और हाथियों को देखने का अच्छा मौका मिलता है. झिरना जोन यह जोन पूरे साल खुला रहता है और यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव देखे जा सकते हैं.
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बिजरानी जोन, यह जोन अपने घने जंगलों और बाघों की sightings के लिए प्रसिद्ध है.ढेला जोन यह हाल ही में विकसित किया गया है और पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. सोनानदी जोन यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं.
बिजरानी जोन, यह जोन अपने घने जंगलों और बाघों की sightings के लिए प्रसिद्ध है.ढेला जोन यह हाल ही में विकसित किया गया है और पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. सोनानदी जोन यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं.
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कॉर्बेट पार्क में पर्यटकों के ठहरने के लिए कई रिसॉर्ट्स और लॉज उपलब्ध हैं. इसके अलावा, वन विभाग द्वारा संचालित गेस्ट हाउस भी उपलब्ध हैं. पार्क के अंदर और आसपास भोजन और अन्य आवश्यक सेवाओं की भी अच्छी सुविधा है.
कॉर्बेट पार्क में पर्यटकों के ठहरने के लिए कई रिसॉर्ट्स और लॉज उपलब्ध हैं. इसके अलावा, वन विभाग द्वारा संचालित गेस्ट हाउस भी उपलब्ध हैं. पार्क के अंदर और आसपास भोजन और अन्य आवश्यक सेवाओं की भी अच्छी सुविधा है.
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अक्टूबर से जून के बीच का समय कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. मानसून के दौरान पार्क का अधिकांश हिस्सा बंद रहता है, इसलिए जुलाई से सितंबर के बीच पार्क की यात्रा करने से बचना चाहिए.
अक्टूबर से जून के बीच का समय कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. मानसून के दौरान पार्क का अधिकांश हिस्सा बंद रहता है, इसलिए जुलाई से सितंबर के बीच पार्क की यात्रा करने से बचना चाहिए.

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