Yamunotri Dham: यहां से होती है चारधाम यात्रा की शुरुआत, मां यमुनोत्री के दर्शन से फलीभूत होते हैं श्रद्धालु
Yamunotri Dham : उत्तराखंड का दूसरा नाम देवभूमि है. देवभूमि यानि इस प्रदेश की धरती पर मौजूद हिंदू धर्म के सबसे ज्यादा मान्यता वाले ज्यादातर धार्मिक स्थल मौजूद हैं. उत्तराखंड में ही विख्यात चारधाम मौजूद हैं. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते है. आज आपको इन्हीं चार धामों में से एक धाम यमुनोत्री के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं.
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View In Appदेवभूमि उत्तराखंड में मौजूद यमुनोत्री धाम धरती से 3225 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है. खास बात ये कि अगर कोई चारधाम की यात्रा करना चाहता है तो उसे इसकी शुरुआती यमुनोत्री धाम से ही करनी होती है. मां यमुना का मंदिर विशेष आस्था का प्रतीक है. शास्त्रों में इस धाम को मां यमुना का निवास स्थान कहा जाता है. ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक यहां यमुना की शुरुआत होती है और आगे विस्तार होता जाता है.
माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से ही की थी. जिसके बाद वो गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ धाम पहुंचे थे. जिसके बाद से यमुनोत्री से ही चारोंधाम की यात्रा का शुभारंभ किया जाता रहा है.
यमुनोत्री मंदिर के प्रांगण में विशाल स्तंभ स्थापित है. जिसे दिव्यशिला कहा जाता है. यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालु जानकी चट्टी तक वाहन से पहुंच सकते हैं. जिसके बाद मंदिर सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर रह जाता है. यहां से श्रद्धालु पैदल यात्रा कर मंदिर के प्रांगण तक पहुंचते हैं.
ऋषिकेश से यमुनोत्री 200 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. माता यमुना के मंदिर को टिहरी गढवाल के महाराजा प्रताप शाह ने बनवाया था. हर साल दीपावली के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. जिसके बाद अक्षय तृतीया के मौके पर मंदिर को दर्शनों के लिए खोला जाता है.
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