IN Pics: रामलीला में जमकर भाग ले रहे हैं मुस्लिम कलाकार, तस्वीरों में देखें मंचन की झलक
Uttarakhand Muslim artists participate in Ramlila: आज जहां देश में हिंदू मुस्लिम को लेकर रोजाना तकरार की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में उत्तराखंड के नैनीताल से आई खबर बेहद सुकून देती है. दरअसल, यहां पर इन दोनों रामलीला का मंचन किया जा रहा है, जिसमें कई मुस्लिम कलाकार बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appदिन भर में अपनी पांच वक्त की नमाज अदा करने के बाद रामलीला में भाग लेते हैं. इन कलाकारों में से अनवर (Anwar) से एबीपी लाइव (ABP live) ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह एक कलाकार है और उन्हें रामलीला में भाग लेकर बेहद सुकून महसूस होता है.
कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है उनके रोम-रोम में अल्लाह भी है और राम भी मौजूद हैं. वह पांच वक्त के नमाजी हैं लेकिन रात में पूरे उत्साह से रामलीला मंचन भी करते हैं. उत्तराखंड के नैनीताल में बीते कुछ दशकों से रामलीला मंचन से जुड़े मुस्लिम समाज के कई कलाकार अपनी प्रस्तुति देते आ रहे हैं.
नैनीताल के ताली ताल में रामलीला समिति को 126 वर्ष बीत चुके हैं यह रामलीला पिछले 126 वर्ष से लगातार हो रही है यह उत्तराखंड की सबसे पुरानी रामलीला भी है. इस रामलीला में हिंदू मुस्लिम समाज से कई लोग प्रतिभा करते हैं रामलीला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल शाह बताते हैं कि 1918 में इस रामलीला में खुदा बख्श ने अंगद और सुमंत की भूमिका निभाई थी, और अकबर हुसैन ने जनक और मारीच की भूमिका निभाई थी.
तथा सूखा ताल में होने वाली आदर्श रामलीला समिति में 1973 में नव संस्कृत सत्संग समिति शेर का डाडा में रामलीला की शुरुआत हुई. यहां भी मुस्लिम समुदाय के कई कलाकार इस रामलीला में भाग लेते रहे हैं.
नैनीताल की विभिन्न रामलीलाओं में इस वक्त ऐसे मुस्लिम बड़े कलाकार है जो बड़े-बड़े रोल रामलीला में निभाते आ रहे हैं. जिनके नाम नासिर हुसैन,अनवर अहमद, जावेद,और साईब अहमद है, यह सभी मुस्लिम कलाकार बड़े उत्साह के साथ रामलीला में प्रतिभा करते हैं.
इनका कहना है कि कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है. कलाकार के लिए अभिनय ही उसका धर्म है और अभिनय करते वक्त हम इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि किसी भी प्रकार से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे और हम उसे वक्त पूरी तरह से रामलीला में रंग जाते हैं. उत्तराखंड (Uttarakhand) में रामलीला मंचन काफी लंबे समय से होते आ रहे हैं. रामलीला को लेकर उत्तराखंड के लोग बेहद खुश दिखाई देते हैं और हर साल रामलीला के समय से पहले ही शुरू हो जाती है और कई महीने तक चलती है.
उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में रामलीला मंचन होता रहता है नैनीताल जिले में इस तरह से गंगा जमुनी तहजीब के साथ रामलीला का मंचन होना अपने आप में अनूठी पहल है जहां एक और देश में हिंदू मुस्लिम तकरार की खबरें सामने आती है. वहीं नैनीताल से सामने आ रही यह खबर बेहद सुकून देने वाली है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -