In Pics: बनारस में बसे मिनी तमिलनाडु में दिखती है दक्षिण भारत की झलक, देखें शानदार तस्वीर
देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी को लघु भारत भी कहा जाता है. दक्षिण से लेकर उत्तर और पूरब से लेकर पश्चिम तक के लोग वाराणसी में निवास करते हैं.
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View In Appदेश के दूसरे राज्यों से आकर रहने वाले लोगों ने वाराणसी की संस्कृति को अपना लिया है. उनका काशी के साथ एक अटूट रिश्ता बन चुका है.
इसी विरासत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को वाराणसी में काशी तमिल संगमम द्वितीय का शुभारंभ करेंगे.
नमो घाट पर 15 दिनों तक काशी तमिल संगमम से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. हनुमान घाट के आसपास का इलाका हजारों की संख्या में दक्षिण भारत से आए लोगों का बसेरा है.
इलाके में हिंदी के साथ-साथ तमिल, कन्नड़, मलयालम भाषा भी बोली जाती है. इसके अलावा इलाके में प्राचीन मंदिर दक्षिण भारत की झलक को दर्शाते हैं.
बाल सुब्रमण्यम 70 साल पहले दक्षिण भारत से आखर हनुमान घाट क्षेत्र में रहने लगे थे. मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले बाल सुब्रमण्यम ने वाराणसी में शिक्षा दीक्षा ग्रहण की.
सरकारी नौकरी मिलने के बाद उन्होंने बाकी की जिंदगी वाराणसी में बिताने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम द्वितीय से उत्तर भारत और दक्षिण भारत के रिश्ते को और मजबूती मिलेगी.
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