Ratneshwar Temple: श्राप की वजह से हजारों सालों से एक तरफ झुका है वाराणसी का ये मंदिर, मानसून में नहीं होती यहां कोई पूजा, जानें वजह
Ratneshwar Temple: भारत का वाराणसी (Varansi) अपने घाटों, मंदिरों और धार्मिक महत्व के लिए पूरे देश में फेमस है. यहां पर देश के अलावा विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं. यूं तो यहां पर कई प्राचीन मंदिर है लेकिन रत्नेश्वर मंदिर (Ratneshwar Temple) का इतिहास सबसे अनोखा है. दरअसल वाराणसी का ये मंदिर तिरछा खड़ा हुआ है. चलिए बताते हैं आपको मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें.....
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View In Appबहुत कम लोग जानते हैं कि वाराणसी का रत्नेश्वर मंदिर पीसा से भी ज्यादा झुकी हुआ और लंबा है. ये मंदिर मणिकर्णिका घाट के पास बना हुआ है जोकि 9 डिग्री तक झुका हुआ है.
बता दें कि रत्नेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इसे मातृ-रिन महादेव, वाराणसी का झुका मंदिर या काशी करवात के नाम से भी जाना जाता है.
मंदिर की एक औऱ खासियत ये है कि ये साल में ज्यादातर वक्त नदी के पानी में ही डूबा रहता है. इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी के बीच किया गया था.
मंदिर के तीरछे होने की वजह ये बताई जाती है कि,राजा मानसिंह के एक सेवक ने ये मंदिर अपनी मां रत्ना बाई के लिए बनवाया था. जब मंदिर का काम पूरा हो गया, तो उस सेवक ने घोषणा करते हुए कहा कि, मैंने अपनी मां का कर्ज चुका दिया है.
जैसे ही सेवक ने ये घोषणा की मंदिर पीछे की तरफ झुकने लगा. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मां का कर्ज कभी भी चुकाया नहीं जा सकता. कहा जाता है कि मानसून के दौरान इस मंदिर में कोई भी पूजा-पाठ नहीं की जाती. क्योंकि लोगों का मानना है कि ये मंदिर शापित है और यहां पूजा करने से उनके घर में भी कुछ बुरा हो सकता है.
हालांकि मंदिर के तीरछे होने की एक वजह ये सामने आई है कि, कई सालों पहले घाट ढह गया था और उसी वजह से ये मंदिर झुक गया.
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