UP Assembly: यूपी विधानसभा में कल लगेगा राजाओं का दरबार, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बनाया बड़ा प्लान
यूपी विधानसभा में कल यानी 22 मार्च को राजाओं का दरबार लगेगा. इसमे प्रदेश भर से तत्कालीन राजा महाराजा परिवार के लोग शामिल होंगे. ये वो लोग हैं जो प्रदेश भर में स्थित किलों का मालिकाना हक रखते हैं. असल में हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार बड़ी तैयारी में है. इसके तहत राजस्थान के तर्ज पर यूपी के किलों को शाही आयोजनों के लिए तैयार किया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी पर्यटन एवं संस्कृति विभाग निभा रहा है.
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View In Appजैसे राजस्थान के किलों में आकर फ़िल्म व खेल जगत की हस्तियां, बड़े उद्योगपति, विदेशी पर्यटक शाही शादी या अन्य आयोजन करते हैं वैसे ही अब यूपी के किलों में इसकी तैयारी है. विधानभवन के तिलक हाल में दोपहर 12 बजे इसे लेकर बड़ी बैठक होगी.
इन किलों में पीपीपी मोड पर निवेश करने के इच्छुक निवेशक भी शामिल होंगे. देश भर से खासकर राजस्थान से भी विशेषज्ञों को बुलाया गया है. पर्यटन विभाग के सभी अधिकारी इसमे शामिल होंगे. विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह समेत कई ऐसे नामचीन लोग इसमे शामिल होंगे जिनके पास किले का मालिकाना हक है. विभाग की मानें तो सबसे अधिक किले बुंदेलखंड में हैं.
पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राजाओं की संपत्तियों का उपयोग लोकहित, जनहित और प्रदेश के पर्यटन के विकास के लिए किया जाएगा. प्रदेश का राजस्व बढ़ाने और टूरिज्म के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा. राजस्थान में जिस तरह से किलों का सदुपयोग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने उस समय जो निर्णय लिया था आज राजस्थान का पर्यटन क्षेत्र राजाओं की संपत्तियों पर चल रहा है और देश का अग्रणी टूरिज्म क्षेत्र बन कर उभरा.
पीएम मोदी जब बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करने आए थे उन्होंने कहा था कि बुंदेलखंड के विकास में किलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती. तभी हमने फैसला लिया था कि जो किले हैं खासतौर से बुंदेलखंड के उनको पीपीपी के हिसाब से डेवलप करा कर हेरिटेज टूरिंग को बढ़ावा देंगे. इसी कड़ी में चिन्हित किलों के जो मालिक हैं, जो तत्कालीन राजा महाराजा रहे उन सब को बुलाकर उन के बीच में निवेशकों को बुलाया है. विशेषज्ञों को बुलाया है, पूरा पर्यटन विभाग रहेगा. जिन निवेशकों ने इन किलों में अपना रुझान दिखाया है उनको भी बुलाया गया है.
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि विदेशी मेहमानों की पहली पसंद किले रहते हैं. वह जब खुद को किलो में पाते हैं तो गौरवान्वित महसूस करते हैं. बड़े-बड़े उद्योगपतियों की शादियां ज्यादातर राजस्थान में होती हैं, फिल्मी सेलिब्रिटी की शादी वहां होती हैं. उसी तरह का सबकुछ हम यहां उत्तर प्रदेश में विकसित करेंगे.
इससे यहां जब हमारे पर्यटक आए, चाहे आप फिल्म बनाएं, चाहे जन्मदिवस करें, शादी करें या विदेशी मेहमान आए तो किलो में रहकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर सके यह हम प्रयास करेंगे. एक टूरिस्ट जब आता है तो 6 लोगों को रोजी-रोटी के अवसर देकर जाता है. सबसे कम निवेश में सबसे ज्यादा रोजी-रोटी देने वाला राजस्व देने वाला काम अगर कोई कर सकता तो पर्यटन.
ट्रिपल टी यानी टूरिज्म, टेक्नोलॉजी और ट्रेड के आधार पर हम आगे बढ़ रहे. जो 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का लक्ष्य सीएम योगी ने रखा है निश्चित रूप से उस में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका पर्यटन विभाग की होगी. देशभर में जितनी टूरिज्म पॉलिसी हैं उनका हमने अध्ययन कराया विशेषज्ञ और अधिकारियों को भेजकर. हर स्टेट की जो अच्छी चीजें हैं उन्हें समाहित करते हुए हमने 2022 की नई टूरिज्म पॉलिसी बनाई, आज सबसे अच्छी टूरिज्म पॉलिसी यूपी की है.
विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि एक समय में लोगों ने बड़े-बड़े भवन बनवाए, अगर उन्हें सुरक्षित और संरक्षित रखा जाएगा तो इससे प्रदेश का भी लाभ है. पर्यटन और क्षेत्र के विकास की दृष्टि से भी ठीक है, फायदा होगा. पुराने भवन जो पहले के लोग बनाते थे वह उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से बनाते थे. उन भवनों में एक से डेढ़ मीटर चौड़ी दीवारें रहती थी उस समय के हिसाब से वह जरूरी था. बहुत से भवन इतना ज्यादा इंटीरियर में बने हैं कि वह सड़क से भी 30-40 किलोमीटर दूर हैं. जाहिर है तब भी सड़क नहीं रही होगी, ताज्जुब की बात है कि इतने बड़े भवन उन लोगों ने वहां कैसे बनवाए होंगे.
बुंदेलखंड में भी छोटे बड़े किले है, उनके भवन इतने बड़े हैं कि उन्हें संरक्षित सुरक्षित करने के लिए जितना पैसा चाहिए उतना पैसा उनके मालिकों के पास नहीं है. अगर सरकार इसमें सहयोग करेगी तो पुरानी धरोहर सुरक्षित होगी, क्षेत्र में पर्यटन का विकास होगा. पर्यटक आएंगे तो वहां के लोगों का आर्थिक विकास होगा.
लोग बुंदेलखंड समेत अन्य सुदूर इलाकों के बारे में जानेंगे कि कैसे लोगों ने आज से 200-300 साल पहले इस तरह के बड़े-बड़े भवन किन परिस्थितियों में बनवाए होंगे लोग यह देखकर आश्चर्य भी करेंगे. कुछ राजस्थान जैसा ही दृश्य देखने को मिलेगा. मालूम हो कि हमीरपुर के राठ में झांसी बॉर्डर के पास कुंवर मानवेन्द्र सिंह का भी एक किला है.
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