वक्त से भी पुराने हैं ये भारत के ये पांच प्राचीन शहर, जानिए इनके बारे में
Beyond Time: इस बात से सब वाकिफ हैं कि भारतीय सभ्यता ना सिर्फ सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है बल्कि भारत में कई शहर ऐसे भी हैं जो 2 हजार वर्षों से भी पुराने हैं. इन शहरों में ना सिर्फ मानव सभ्यता का इतिहास रचा बसा है बल्कि यहां कई सभ्यताएं पैदा हुईं और खत्म हो गई लेकिन ये शहर समय से परे इतिहास को समेटे हुए कालजयी बने हुए हैं. आज भारत के ऐसे ही पांच शहरों के बारे में आपको बताएंगे जो वक्त से भी पुराने कहे जा सकते हैं.
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View In Appकाशी, बनारस या फिर वाराणसी भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है. इसे भारत की वैदिक संस्कृति के जन्मस्थान के तौर पर भी देखा जाता है. कांस्य युग के अंत के बाद से वाराणसी एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्वता वाले शहर के तौर पर जाना जाता है. इस शहर का जिक्र ऋग्वेद में भी मिला है. साथ ही खुदाई के दौरान इस शहर की पौराणिकता के कई प्रमाण हासिल हुए हैं.
बिहार राज्य की मौजूदा राजधानी पटना भी प्राचीन भारत के बड़े शहरों में से एक रही है. पटना के करीब 2500 वर्षों पुराने होने के प्रमाण आज भी मिलते हैं. प्राचीन काल में इसे पाटलीपुत्र के नाम से भी जाना जाता रहा है. ये शहर बोधगया और नालंदा जैसे स्थानों से काफी करीब है. सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी का भी जन्म इसी शहर में हुआ था. वहीं महात्मा बुद्ध के भी यहां आने के प्रमाण मिलते रहे हैं.
उज्जैन को मध्यकालीन भारत के प्राथमिक शहरों में गिना जाता है. छठीं शताब्दी के दौरान इस शहर को अपनी सांस्कृतिक, राजनीतिक और साहित्यिक विरासत के लिए जाना जाता था. इस शहर ने कई साम्राज्यों का उदय और अस्त देखा है. साथ ही कालीदास जैसे रचियता को भी देखा. महाभारत काल में इस शहर को अवंती साम्राज्य की राजधानी के तौर पर स्थापित किया गया था. वहीं आज के दौर में उज्जैन के बेहद महत्वता वाले धार्मिक स्थलों वाले शहर के तौर पर विख्यात है.
इस प्राचीन शहर को लेकर कई मान्यताएं हैं. माना जाता है कि यहां भगवान शिव की हाथों शहद गिरा था. मधु से जोडकर ही इस शहर का नाम मदुरै रखा गया था. यहां आपकों तीसरी शताब्दी से जुड़े कई पुराने ग्रंथों के स्क्रिप्चर भी मौजूद हैं. माना जाता है कि इन्हें ग्रीक राजदूत मेगस्थनीज ने अपने भारत दौरे के दौरान लिखा था. दस्तावेजों से पता चलता है कि तीसरी शताब्दी में रोम और मदुरै के बीच व्यापार संबंध थे. इस शहर को मीनाक्षी मंदिर के इर्दगिर्द बसाया गया था.
पहले तंजौर के नाम से जाना जाने वाला खूबसूरत शहर थंजावुर अपनी कला के लिए दुनिया भर में मशहूर है. पेंटिंग के खास स्टाइल और खूबसूरत सांस्कृतिक धरोहरों के चलते इतिहास में इस शहर का एक अलग स्थान रहा है. इस शहर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज में रखा गया है. यहां मशहूर चोल मंदिर स्थित हैं. साथ ही चोल राजवंश से जुड़ा पूरे इतिहास की छाप इस शहर पर दिखाई देती है.
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