IN PICS: जानिए भारत में कैसा होगा स्पेन की 'टैल्गो' ट्रेन का सफर!
टैल्गो में Cafeteraia भी है इस ट्रेन में लोग अलग अंदाज़ में खड़े हो कर खाना भी खा सकते हैं. ट्रेन में माइक्रोवेव, खाना ठंडा करने की सुविधा होने के साथ-साथ और पैक्ड फ़ूड रखने का भी इंतज़ाम है.
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View In Appएग्जीक्यूटिव क्लास में ये संख्या 26 तक हो सकती है.
स्पेन की हाई स्पीड ट्रेन टैल्गो अब भारत में आ रही है. मोदी सरकार विदेशी ट्रेनों की स्पीड से बुहत प्रभावित रहती है और इसलिए बुलेट ट्रेन पर पहले करार किया और अब लेकर आई है टैल्गो ट्रेन. टैल्गो ट्रेन स्पेन से समुद्र के रास्ते महीने भर का सफ़र कर मुंबई पहुंची और वहां से फिर बरेली. इस ट्रेन की खासियत हाई स्पीड नहीं, बल्कि एवरेज स्पीड है. टैल्गो की रफ्तार 115 किलोमीटर प्रति घंटा ही है. आप सोच रहे होंगे कि इस रफ्तार की ट्रेने तो हमारे पास पहले से ही मौजूद हैं. लेकिन आपको बता दें कि टैल्गो की खासियत जानकर हैरान हो जाएंगे.
दिल्ली मुंबई के बीच इस ट्रेन के दौड़ने से पहले भारतीय रेल ट्रैक पर टैल्गो का ट्रायल तीन अलग अलग सेक्शन में होगा.
टैल्गो ट्रेन के अंदर के इंटीरियर की बात करें तो एक डब्बे में 20 सीट है.
ट्रेन की कपलिंग और व्हील बिलकुल अलग है जो इसे मुड़ने में मदद करते हैं.
टैल्गो के खास डिजाइन के कारण इसका वजन बहुत कम है. यह ट्रेन मोड़ पर आसानी से मुड़ने की क्षमता रखती है.
सभी विभागों से पड़ताल करने के बाद टैल्गो को फ्री ट्रायल की इजाजत दी गई है.
इस ट्रेन के चलने से दिल्ली और मुबंई के बीच की दूरी कम से कम दो घंटे तो कम हो जाएगी और सब कुछ ठीक रहा तो दिल्ली से मुबंई के बीच का रास्ता 17 घंटे के बजाए 13 से 14 घंटे में तय हो जाएगा.
इस ट्रेन का साइज़ एयरलाइन की तरह का है, इसमें drier और सोप डिस्पेंसर की सुविधा भी मौजूद है.
टैल्गो में LED स्क्रीन ऐसे लगे हुए हैं की वह हर सीट से दिख सकतें हैं.
इस ट्रेन में वैक्यूम Tiolet का इस्तेमाल किया गया है.
टैल्गो का ट्रायल प्रस्ताव पिछले साल ही स्पेन ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु के पास रखा था लेकिन मंत्रालय ने पहले मंजूरी देने में आना कानी थी.
इस ट्रेन में खाने के टेबल्स सीट के पीछे होते है.
फिलहाल इस ट्रेन में भारतीय इंजन है और डब्बे स्पेन के टैल्गो ट्रेन के हैं.
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