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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
1 अप्रैल से टैक्स नियमों में हो रहे हैं ये बड़े बदलाव, यहां पढ़ें पूरी जानकारी
मौजूदा वित्त वर्ष खत्म होने में सिर्फ 10 दिन बचे हैं और 1 अप्रैल 2018 से नया नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला है. नया वित्त वर्ष आने के साथ ही आपके इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम भी बदलने वाले हैं. इन बदलावों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है क्योंकि इनका सीधा असर आप पर पड़ने वाला है. जानिए आपके लिए कौन से नियमों में बदलाव होने वाले हैं?
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View In AppLTCG टैक्स अब दोबारा से लागू होगा. जो निवेशक शेयर बाजार में निवेश करते हैं उनके लिए ये ध्यान रखना जरूरी है कि 1 अप्रैल से शेयर बाजार, इक्विटी म्यूचुअल फंड, में किए निवेश पर अगर 1 साल में एक लाख रुपये से ज्यादा का फायदा होता है तो आपको LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स) देना होगा. हालांकि इसके तहत 1 फरवरी 2018 के बाद से किया गया निवेश शामिल है और इससे पहले का मुनाफा टैक्स मुक्त रहेगा.
1 अप्रैल 2018 से सैलरीड क्लास के लोगों को 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा और इसके तहत आपकी सैलरी से 40,000 रुपये की सीमा को छोड़कर बाकी सैलरी पर इनकम टैक्स लगेगा.
नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत देते हुए इलाज पर खर्च के लिए टैक्स छूट बढ़ा दी गई है. मौजूदा समय में 80डीडीबी के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 60,000 रुपये और 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 80,000 रुपये की टैक्स छूट मिलती है जबकि 1 अप्रैल से ये बढ़कर 1 लाख रुपये हो जाएगी.
इस बार आपके इनकम टैक्स पर सेस की बढ़ोतरी की जाएगी. इस बार 1 फरवरी को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स पर लगने वाले हेल्थ और एजूकेशन सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया था. इसके चलते 1 अप्रैल से आपके इनकम टैक्स पर हेल्थ और एजूकेशन टैक्स 1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ लागू होगा.
इस बार से सरकार प्रधानमंत्री वय वंदना योजना लागू करने जा रही है. 1 अप्रैल से प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत निवेश की सीमा को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. इस योजना के तहत जमा राशि पर 8 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है. सरकार ने इस य़ोजना की समयसीमा भी बढ़ाकर 2020 तक के लिए कर दी है.
वहीं इस बार वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा टैक्स छूट दी जाएगी. वरिष्ठ नागरिकों को पोस्ट ऑफिस और बैंकों से मिले 50,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया है. फिलहाल आयकर कानून के तहत किसी व्यक्ति को ब्याज से मिले 10,000 रुपये तक की इनकम टैक्स छूट होती है.
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