Nokia के पतन की कहानी, कैसे हर हाथ में दिखने वाला ब्रांड एकदम गायब हो गया?
दरअसल, जब Apple और Samsung स्मार्टफोन बना रहे थे, तब Nokia ने कीपैड फोन बनना जारी रखा. कंपनी का मानना था कि लोग टचस्क्रीन फोन नहीं खरीदेंगे. बाद में उन्होंने Symbian नाम का अपना ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया. लेकिन वह भी असफल रहा. कारण कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम Android और iOS जितना अच्छा नहीं था. नोकिया ने बदलाव में देरी कर दी. जब उसने समझा, तब तक बहुत देर हो गई थी.
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View In Appएक समय था जब नोकिया ने अपना ब्रांड वैल्यू बना लिया था. उसे लगता था कि लोग उनके नाम की वजह से लोग उनके फोन खरीदेंगे. लेकिन लोगों को उस समय तक Android और iOS वाले फोन अच्छे लगने लगे थे और वे पुराने Symbian OS वाले फोन नहीं खरीदना चाहते थे.
एक वक्त में Apple और Samsung ने अपने iPhone और Galaxy सीरीज़ के साथ अपने ब्रांड को बहुत मज़बूत बनाया, लेकिन नोकिया ऐसा नहीं कर पाई.
धीरे धीरे Nokia ने लोगों का भरोसा भी खो दिया और लोग Apple और Samsung के फोन खरीदने लगे.
साल 2014 में Nokia ने Nokia Lumia और Asha सीरीज़ जैसे अच्छे फोन लॉन्च किए थे. लेकिन मार्केट में खास चल नहीं पाया. Microsoft के साथ हुई डील Nokia के लिए ज्यादा असरदार साबित नहीं हुई और कंपनी का मार्केट शेयर कम होता चला गया.
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