बीआरडी अस्पताल में गई मासूमों की जान से छलका परिजनों का दर्द
अस्पताल में वंदना को आईसीयू में भर्ती कराने को कहा गया. वंदना के चाचा के मुताबिक उनकी भतीजी को ऑक्सीजन नहीं मुहैया हो पाया. उन्हें एक एम्बू बैग दिया गया था जिसे उन्हें कुछ अंतराल पर दबाना था, जिसकी वजह से वंदना सांस ले सके. इसके बाद शुक्रवार की सुबह उन्हें जानकारी दी गई कि वंदाना की मौत हो गई है.
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View In Appयूपी के गोरखपुर जिले के जिस बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे के दौरान ऑक्सीजन की कमी से 36 मासूमों की मौत हुई है, तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां का दौरा किया था. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही भरा रवैया नहीं छोड़ा. नतीजा 36 मासूमों की जान चली गई. हालांकि प्रशासन ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मौत की बात को खारिज कर रहा है.
बच्चे के पिता ने बताया कि उनके बेटे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद उन्होंने अपने बच्चे को बीआरडी अस्पताल में भर्ती कराया था. वे लगातार अपने बच्चे का सेहत की जानकारी लेते रहते थे. उन्हें दो बार बताया गया कि बच्चे को ऑक्सीजन दी जा रही है, जब वे तीसरी बार बच्चे का हाल जानने पहुंचे तो पता चला कि ऑक्सीजन हटा दिया गया है. जब चौथी बार वो अपने बच्चे का हाल पूछने गए तो उन्हें बताया गया कि उसकी मौत हो गई है.
संवाददाता पंकज झा ने उन मरने वाले 36 बच्चों में शामिल वंदना के घर पर गए और स्थिति का जायजा लिया. बात करने के दौरान वंदना के चाचा ने बताया कि जब बच्ची को तेज बुखार था तब वे उसे अस्पताल लाए थे.
मरने वालों में एक बच्चा ऐसा भी था जिसे इस दुनिया में आए महज 25 दिन ही हुए थे. एबीपी न्यूज़ की टीम जब इस बच्चे के घर पहुंची तो उसके घर में मातम का माहौल नजर आया. घर में चूल्हा नहीं जल रहा था. तीन बहनों के बाद परिवार में एक बेटे के आने से सबको खुशी थी. मगर इस घटना ने उनके दिलों पर एक ऐसा जख्म दे गई, जिसे भरने में ना जाने कितना वक्त लगेगा.
एबीपी न्यूज़ की टीम हालात का जायजा लेने के लिए पीड़ित परिवार के घर पहुंची. मरने वाले बच्चों के परिजनों से बात करने के दौरान पता चाल कि ऑक्सीजन की सप्लाई का रुकना ही मासूमों की मौत की वजह है.
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