Year Ender : साल 2016 में इन फर्जी खबरों ने बटोरीं खूब सुर्खियां!
पीएम मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद नोटबंदी से जुड़ी खबरें हों या नमक की कमी की अफवाहें को लोगों ने सच माना. साल 2016 में देशभर ऐसी कई और फर्जी खबरों को लेकर भी खूब चर्चा हुई. इस तरह की अफवाहें फैलाने में सोशल मीडिया का योगदान सबसे ज्यादा रहा. वहीं कुछ देश की मुख्यधारा की मीडिया भी इन फर्जी खबरों के झांसे में आ गई. कई खबरों की प्रभाव इतना अधिक रहा कि यूनेस्को और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जैसी ऑफिशियल संस्थाओं को इनके खंडन के लिए सामने आना पड़ा.
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View In Appबीबीसी इंडिया के पूर्व ब्यूरो चीफ और जाने-माने पत्रकार मार्क टुली के हवाले से एक फर्जी खबर फैली कि टुली ने मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति समर्थन जताते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर बरगद के किसी वृक्ष की तरह सरकारी संस्थानों को निष्प्रभावी करने का आरोप लगाया. टुली ने हालांकि समाचार-पत्र हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित होने वाले अपने स्तंभ के जरिए इसका खंडन किया.
नोटबंदी के बाद देश में नमक की खबर ने तो किराणे की दुकानों पर नमक लेने वालों का तांता लगा दिया और कई जगहों पर तो बहुत ऊंचे दामों पर नमक बिके भी. कानपुर में लोग एक दुकान में नमक के पैकेट लूटने लगे और भगदड़ के बीच पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से एक महिला की मौत तक हो गई.
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ अन्ना द्रमुक पार्टी की प्रमुख और मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के कुछ ही देर बाद इस तरह की खबरें प्रसारित हुईं कि उनकी एक बेटी है, जो अमेरिका में रहती है और वही उनकी उत्तराधिकारी है. इस संदेश के साथ जयललिता की एक तस्वीर भी प्रसारित हुई, जिसमें उनके बगल में खड़ी एक लड़की के उनकी बेटी होने का दावा किया गया.
नोटबंदी की घोषणा से महीने भर पहले ही इस तरह की अफवाहें फैलीं कि आरबीआई ने 10 रुपये के सिक्के को अवैध घोषित कर दिया है. इस तरह के फर्जी संदेश व्हाट्सएप पर आगरा, दिल्ली और मेरठ में खूब प्रसारित हुए. इस फर्जी खबर के चलते आम नागरिकों को परेशानी तब झेलनी पड़ी, जब दुकानदार 10 रुपये के सिक्के लेने से मना करने लगे. आरबीआई को घोषणा करनी पड़ी कि 10 रुपये के सिक्के वैध हैं और उन्हें लेने से मना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
व्हाट्सएप पर फैली इस फर्जी खबर में व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वालों को चेतावनी दी गई कि वे व्हाट्सएप की प्रोफाइल में लगी तस्वीर हटा लें, क्योंकि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है.
यूनेस्को ने भारत की 2,000 रुपये की नई मुद्रा को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मुद्रा घोषित किये जानें की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. इस बार यूनेस्को की सांस्कृतिक जागरूकता विभाग के अध्यक्ष सौरभ मुखर्जी के नाम से यह अफवाह फैली.
नोटबंदी को लेकर कई तरह की फर्जी खबरें फैलीं और इन्हीं में एक अफवाह के मुताबिक, नए नोटों में रेडियोधर्मी स्याही का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से आरबीआई बड़ी संख्या में एकसाथ रखे गए नोटों का पता लगा सकती है.
2000 के नए नोटों में जीपीएस चिप लगी हुई है जिससे कालेधन का पता चल जाएगा ये फर्जी खबर सोशल मीडिया से लेकर मीडिया में भी सुर्खियां बनी. यहां तक दावा किया गया कि इन नए नोटों को अगर जमीन के अंदर 120 मीटर नीचे तक दबा दिया जाए तो भी इसमें लगी जीपीएस चिप से सरकार को संकेत मिलेंगे.
यूनेस्को के नाम से इस वर्ष कई फर्जी खबरें फैलीं, जिनमें एक खबर यह भी रही कि यूनेस्को ने भारत के राष्ट्रगान 'जन गण मन..' को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया. साल 2016 में स्वतंत्रता दिवस के आस-पास ये झूठी खबर सोशल मीडिया के माध्यम से जोर-शोर से फैली.
ये खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई कि यूनेस्को ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र को सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री घोषित किया है.
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