'9 डिब्बा अचार मतलब 9 लाख रुपये', कोड वर्ड का इस्तेमाल कर CBI अफसर लेते थे रिश्वत
मध्य प्रदेश में सीबीआई खुद ही के अधिकारियों से तब मात खा गई जब इन अधिकारियों ने नर्सिंग कॉलेज की मान्यता देने वाले अधिकारियों के साथ मिलकर रिश्वत का गंदा खेल खेला. इस मामले को बड़े ही शातिर अंदाज से अमल में लाया गया, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
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View In Appरिश्वत लेने के लिए यह अधिकारी कोड वर्ड का इस्तेमाल किया करते थे. जिनमें आचार, माता का प्रसाद और गुलकंद जैसे कोड वर्ड शामिल थे. ये कोड वर्ड रिश्वत की लेन देन को छिपाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे. सीबीआई ने अपने ही अधिकारियों की जांच के दौरान इन कोड शब्दों का खुलासा किया.
यह रिश्वतखोरी तब सामने आई जब 2022 में वकील विशाल बघेल ने एक जनहित याचिका दायर की. याचिका में आरोप लगाया गया था कि 2020-2021 में राज्य में कई नर्सिंग कॉलेजों को बिना आवश्यक बुनियादी ढांचे के मान्यता दी गई थी.
18 मई को सीबीआई ने 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इनमें सीबीआई के चार अधिकारी और कई जिलों के नर्सिंग कॉलेजों के अधिकारी शामिल थे. एफआईआर में आरोप है कि ये व्यक्ति अयोग्य कॉलेजों को ओके रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत का लेन-देन कर रहे थे.
15 जुलाई को, सीबीआई ने पूर्व इंस्पेक्टर राहुल राज, मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारी सुशील कुमार मजोका और नर्सिंग कॉलेजों के निदेशकों सहित 14 व्यक्तियों के खिलाफ विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष आरोप पत्र दायर किया.
18 मई को सीबीआई ने प्रोफेसर कॉलोनी में छापेमारी कर 10 लाख रुपये की रिश्वत का गंदा खेल खेल रहे तीन लोगों को रंगे हाथों पकड़ा, जिसके बाद इन आरोपियों ने रिश्वत के लेन देन की बात भी कुबूल कर ली.
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