इस घाटी में लापता हो जाते हैं लोग, आज तक नहीं खुल पाया इसका राज
कई बार इंसान अपनी परेशानियों में यह भूल जाता है कि जिस पृथ्वी पर वह रह रहा है, उससे बाहर भी कुछ है. एक पूरा ब्रह्मांड है और पृथ्वी इसका छोटा-सा हिस्सा है.
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View In Appकहते हैं कि पृथ्वी पर कुछ जगह ऐसी हैं, जहां जो भी इंसान जाता है, वह कभी वापस नहीं आ पाता. जैसे बरमूडा ट्राएंगल को लेकर कहा जाता है. आज हम आपको पृथ्वी पर मौजूद एक ऐसी जगह के बारे में बताते हैं, जिसे दूसरी दुनिया का दरवाजा कहा जाता है.
यह रहस्यमयी घाटी भारत में ही है. अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर मौजूद इस घाटी के बारे में कहा जाता है कि एक बार जो यहां चला गया, वापस कभी नहीं आ सका. दरअसल, अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर जो पहाड़ियां या घाटी हैं वहीं कहीं शंगरी-ला घाटी भी है, लेकिन उसकी सही लोकेशन किसी को नहीं पता है.
कहते हैं कि चीन की सेना ने इस घाटी की सही लोकेशन तलाशने के लिए सब कुछ कर लिया, लेकिन उसे आज तक इसका पता नहीं चल सका. कई विदेशियों ने भी इसको खोजने का प्रयास किया, लेकिन आज तक कोई सफल नहीं हुआ. हालांकि, कई लोग इसे ढूंढते हुए लापता जरूर हो गए.
इस घाटी को लेकर बड़े-बड़े विद्वानों का कहना है कि यहां भू-हीनता का प्रभाव बना रहता है. यानी यह घाटी वायुमंडल के चौथे आयाम से प्रभावित रहती है. तिब्बत के एक मशहूर विद्वान युत्सुंग कहते हैं कि इस घाटी का संबंध सीधे अंतरिक्ष से है. वहीं, तिब्बती भाषा की किताब काल विज्ञान में भी इस जगह का जिक्र मिलता है.
इस किताब के अनुसार, इस घाटी में समय यानी काल का कोई असर नहीं दिखाई देता. कुछ लोग मानते हैं कि यहां रहने वाले योगियों की शारीरिक क्षमता और मानसिक चेतना इतनी बढ़ जाती है कि वे हजारों वर्षों तक जीवित रह सकते हैं.
रहस्यमयी शंगरी-ला घाटी पंगासाऊ के नाम से भी मशहूर है. कहते हैं कि यह शंगरी-ला झील के पास कहीं है. इस झील की चौड़ाई करीब 1.5 किलोमीटर आंकी गई है. हालांकि, सही मायनों अब तक इसकी सही चौड़ाई का कोई पता नहीं लगा पाया.
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