इन 5 महिलाओं की पहल से खत्म हुआ तीन तलाक
उत्तराखंड की शायरा बानों ने साल 2016 में तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. शायरा के शौहर रिज़वान अहमद से उनकी शादी 11 अप्रैल 2002 को हुई थी. शायरा बानो ने बताया कि उसके शौहर ने छह बार उसका अबॉर्शन कराया था. इतना ही नहीं बानो ने कहा कि उसका शौहर खुद उनको गर्भनिरोधक गोलियां देता था. 37 साल की शायरा दो बच्चों की मां है. दोनों बच्चे पिता के पास रहते हैं. उनका कहना है कि वह अपने बच्चों के साथ रहना चाहती है. शायरा ने कहा कि वो न्याय लेकर अपनी जिंदगी में वापस लौटना चाहती है. बता दें कि शायरा सोशियोलॉजी में पोस्टग्रेजुएट हैं.
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View In Appउत्तर प्रदेश के रामपुर की गुलशन परवीन की शादी 2013 में हुई थी. साल 2016 में गुलशन के शौहर की तरफ से उन्हें तलाकनामा जारी कर दिया गया. गुलशन के मुताबिक, उनके शौहर की तरफ दहेज की मांग की गई थी. गुलशन ने तीन तलाक को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. बता दें गुलशन इंग्लिश लिटरेचर में पोस्टग्रेजुएट हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. पांच जजों की बेंच में से तीन जजों ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस पर कानून बनाने का 6 महीने का वक्त दिया है. 6 महीने के अंदर सरकार को संसद में तीन तलाक को लेकर कानून बनाना होगा. इस 6 महीने में भी कोई पुरुष एक बार में तीन तलाक बोलकर मुस्लिम महिला को तलाक नहीं दे सकता है.
2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 17.22 करोड़ लोग मुस्लिम समुदाय से हैं. जिनमें महिलाओं की संख्या 8.3 करोड़ है. इन महिलाओं में तलाकशुदा महिलाओं की संख्या 2.12 लाख है जिनमें 1 लाख 24 हजार महिलाए गांवों में और करीब 87500 महिलाएं शहरों में रहती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
उत्तर प्रदेश के ही सहारनपुर की अतिया साबरी नें भी तीन तलाक के खिलाफ जनवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अतिया के शौहर वजीर अली से उनकी शादी साल 2012 में हुई थी. 30 साल की अतिया के तीन और चार साल के दो बच्चे भी हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पश्चिम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां भी तीन तलाक के जरिए तलाकशुदा हैं. दुबई में रहने वाले इशरत के शौहर मर्तजा ने उन्हें फोन पर तीन बार तलाक बोल कर तलाक दे दिया. इस बाबत इशरत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा. इशरत 12वीं पास हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जयपुर की आफरीन रहमान की शादी 2014 में मेट्रिमोनियल साइट के जरिए अशर वारसी के साथ हुई थी. अगस्त 2015 में आफरीन ने अपने शौहर पर आरोप लगाया था कि उनका शौहर उन्हें मारता-पीटता है और उन्हें घर से बेघर कर दिया है. सितंबर 2015 में आफरीन के शौहर ने उन्हें फिर से पीटा था और उन्हें उनके पिता के घर भेज दिया. जनवरी 2016 में आफरीन के शौहर ने उनके कैरेक्टर के ऊपर सवाल उठाते हुए तीन तलाक के जरिए तलाक दे दिया. शौहर के इस फरमान को चुनौती देने के लिए आफरीन ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. बता दें कि आफरीन ने एमबीए की तालीम हासिल की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलीलें रखी गई थी, जबकि पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे धार्मिक मसला बताते हुए इस पर सुनवाई न करने की मांग की थी. देश में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें छोटी सी बात पर उनके शौहर ने तलाक दे दिया और एक पल में इनकी जिंदगी बर्बाद हो गई. तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं की कहानी एक जैसी है. तलाक की परेशानी से आजिज होकर पांच महिलाएं सामने आईं और देश के सबसे बड़े अदालत में अपनी गुहार लगाई.
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