जानिए उन होनहारों की कहानी जिन्होंने UPSC में लहराया परचम
नौकरी छोड़ गौरव ने आईएएस की तैयारी करना शुरु की. उनहोंने पहले प्रयास में 244 रैंक हासिल की. जिसके बाद उन्हें राजस्थान कैडर में IPS के तौर पर तैनाती मिली. फिर उन्होंने अगला प्रयास किया और उसमें वो सफल रहें. साथ ही उन्होंने ऑल ओवर इंडिया टॉप किया. वो अपनी सफलता का कारण मेहनत को बताते हैं. उनकी मानें तो इंसान को अपनी कमी को छिपाने के बजाए उसे स्वीकार करना चाहिए और उसमें सुधार करना चाहिए.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appवहीं साल 2016 में कर्नाटक की नंदिनी के. आर. ने संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में टॉप किया था. नंदिनी इससे पहले भी आईएस के लिए चुन ली गई थीं. लेकिन उन्हें भी अनुदीप की तरह ही भारतीय राजस्व सेवा में अधिकारी के तौर पर तैनाती हुई. इसके बाद ही उन्होंने भी ये निर्णय किया कि वो आगे और एटेम्पट देंगी और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए कार्य करेंगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पढ़ाई की और कॉलेज की टॉपर बनी. टीना ने 12वीं में भी पॉलिटिकल साइंस और इतिहास में 100 में से 100 प्राप्त किए थे. बताते चले कि टीना को भारतीय राजनीति में बेहद रुचि है.
इनसे पहले साल 2014 में UPSC के रिजल्ट में दिल्ली की इरा सिंघल टॉपर बनी. उन्होंने विकलांगता को मात देते हुए सिविल सर्विस एग्जाम की जनरल कैटगरी में टॉप करने वाली देश की पहली आईएस बनी. इरा ने यह साबित कर दिया कि अगर जुनून और जज्बा हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको अपनी मंजिल हासिल करने से नहीं रोक सकती.
इस कड़ी में UPSC परीक्षा को पास करते हुए साल 2013 में गौरव अग्रवाल ने टॉप किया था. वहीं उन्होंने शुरुआती पढ़ाई जयपुर के एडमंड्स स्कूल से की थी. फिर कुछ सालों बाद आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में पूरे भारत में 45वीं रैंक प्राप्त की थी. इसके बाद गौरव ने आईआईटी के बाद आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया. साथ ही आईआईएम में गोल्ड मेडिलिस्ट भी रहें.
उन्होंने एमएस रमैय्या इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग करने के बाद कर्नाटक के पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी की. नंदिनि ने नौकरी करते हुए सोच लिया था कि वो आईएएस अफसर बनकर समाज के लिए बेहतर कर सकती हैं. नंदिनी की मानें तो एक आदर्श प्रशासक यदि इरादे का पक्का हो, अपने काम के प्रति समर्पित हो और चुनौतियां स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहे तो वो समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है.
अनुदीप ने राजस्थान से बी.ई. (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन) कर चुके हैं. गौरतलब है कि अनुदीप ने इस परीक्षा में वैकल्पिक विषय के तौर पर ऐन्थ्रपॉलजी को चुना. साल 2013 में भी अनुदीप सिविल सेवा में चुने गए थे तब उन्हें भारतीय राजस्व सेवा में काम करना मौका दिया गया. लेकिन उनका मन माना नहीं तभी उन्होंने निर्णय लिया कि फिर से एग्जाम देंगे और भारतीय प्रशासनिक के लिए तैयारी करेंगे. बता दें कि अनुदीप हैदराबाद से आते हैं.
इससे पहले साल 2010 में उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम दिया था तब उन्की 815वीं रैंक आई थी. शारीरिक रूप से विकलांग होने की वजह से उन्हें पोस्टिंग नहीं दी गई. तब उन्होंने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में केस दायर किया था. साल 2014 में केस जीतने के बाद उन्हें हैदराबाद में पोस्टिंग मिली थी. इस बीच उन्होंने अपनी रैंक सुधारने के लिए कोशिश जारी रखी. आखिरकार अपने चौथे एटेम्पट में उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम में जनरल कैटेगरी में टॉप किया.
फिर साल 2015 में UPSC के रिजल्ट आया और टीना डाबी टॉपर बनी. उन्होंने 22 साल की उम्र में ही आईएएस एगजाम में टॉप किया साथ ही देशभर की लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनी. अपन् स्कूलिंग टाइम में टीना एक मेधावी छात्रा रही हैं. उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में पढ़ाई पूरी की. टीना अपना आदर्श अपनी मां को मानती हैं. बता दें कि टॉपर टीना डाबी के पिता जसवंत डाबी UPSC की परीक्षा पास कर चुके हैं.
बीते दिन साल 2017 के UPSC एग्जाम का रिजल्ट घोषित हुआ. इस परीक्षा में हैदराबाद के अनुदीप दुरीशेट्टी ने पहला स्थान हासिल करते हुए टॉप किया है. टॉपर बनने पर अनुदीप ने कहा कि मेरा टॉपर बनने के सफर आसान नहीं था. उन्होंने अपनी इस सफलता पर उन सभी लोगों को शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनकी मदद की. उन्होंने आगे कहा कि अब्राहम लिंकन हमेशा से उनकी प्रेरणा का स्रोत रहे हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -