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खत्म हुई फास्टैग को बार-बार रीचार्ज करने की झंझट, लोगों को मिलेगी अब ये सुविधा
New Satellite System For Toll Collection: अब जल्द ही भारत में लोगों फास्टैग को बार-बार रीजार्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि सरकार फास्टैग की जगह अब एक नई टेक्नोलॉजी लाने जा रही है.

साल 2014 में भारत में फास्टैग सर्विस की शुरूआत हुई थी. इसके बाद सभी टोल प्लाजाओं पर टोल देने के लिए फास्टैग का इस्तेमाल होने लगा.
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भारत में तमाम बड़े बैंक लोगों को फास्टैग सर्विस लेने की सुविधा देते हैं. फास्टैग ऑटोमैटिक टोल कलेक्शन सिस्टम है. इससे टोल प्लाजाओं पर भीड़ से भी छुटकारा मिला है.
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भारत में जितने भी लोगों के पास चार पहिया वाहन हैं. उन सभी को फास्टैग का इस्तेमाल करना होता है. यह पूरी तरह से कैशलेस होता है. लेकिन आपको यह रीचार्ज करना होता है. रीचार्ज खत्म हो जाता है फिर यह काम नहीं करता.
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अब जल्द ही भारत में लोगों फास्टैग को बार-बार रीजार्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि सरकार फास्टैग की जगह अब एक नई टेक्नोलॉजी लाने जा रही है.
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इस नई टेक्नोलॉजी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम कहा जाएगा. इसके इस्तेमाल से आपको गाड़ियों पर फास्टैग लगाने की जरूरत नहीं होगी.
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ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम यानी जीएचएस गाड़ियों के ट्रैवल करने के हिसाब से टोल वसूलेगा. यानी सेटेलाइट के माध्यम से लगा लिया जाएगा की गाड़ी कितने किलोमीटर चली है. उसी हिसाब से टाल देना होगा.
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बता दें फिलहाल यह टेक्नोलॉजी शुरू नहीं हुई है नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मामले में काम करने के लिए ग्लोबल कंपनियों से आवेदन मांगे हैं. ताकि जल्द ही भारत में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लागू किया जा सके.
Published at : 10 Jun 2024 07:04 PM (IST)
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