देश में कितनी तरह के होते हैं ड्राइविंग लाइसेंस? जानें
आजकल हर घर में दो पहिया से लेकर चार पहिया तक का वाहन होना आम बात हो गई है. लेकिन इन्हें सड़क पर चलाने के लिए व्यक्ति को लाइसेंस की जरूरत होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर ड्राइविंग लाइसेंस कितनी तरह के होते हैं? आइए जानते हैं...
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View In Appयदि पहली बार कोई व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो उसका लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाता है. जिसके लिए व्यक्ति का कंप्यूटर आधारित टेस्ट से गुजरने की जरूरत होती है. इस टेस्ट में ट्रैफिक रूल्स से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. इसके लिए फीस भी सबमिट करनी होती है. लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की वैलिडिटी केवल 6 महीने के लिए होती है. इसके बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है.
लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस होने के दौरान चालक को अपने वाहन पर लाल रंग से ‘L’ लिखवाने की जरूरत होती है. जिसका मकसद ये होता है कि अन्य वाहन चालकों को पता चले कि आप गाड़ी सीख रहे हैं और वह आप से दूरी बनाकर चलें.
अब हम बात करते हैं परमानेंट लाइसेंस की ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल में अत है. लर्निंग लाइसेंस के आने के महीने भर बाद आप इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. जिसके बाद आरटीओ की तरफ से एक निर्धारित डेट पर आपका ड्राइविंग टेस्ट होगा. अगर आप टेस्ट में सफल हो जाते हैं तो आपको परमानेंट लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.
बस, ट्रक, ऑटो और अन्य व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए कमर्शियल लाइसेंस की जरूरत होती है. इसमें हल्के, मध्यम और भारी वाहन भी शामिल हैं. अलग से आवेदन करना होता है.
इंटरनेशनल परमिट की जरूरत विदेश में गाड़ी चलाने के लिए पड़ती है. जिसके लिए जरूरी है कि आपके पास परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस हो. इस परमिट की वैधता एक वर्ष की होती है.
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