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किसी दूसरे शहर में मौत होने पर घर कैसे लाएं शव, जानें ट्रेन में कैसे मिलेगी बुकिंग?

ट्रेन से शव को एक शहर से दूसरे शहर लाने के लिए परिजनों को रेलवे स्टेशन जाकर स्टेशन प्रबंधक को लिखित में आवेदन देना होगा. इसके साथ ही शव के साथ एक अटेंडेंट का होना भी जरूरी होगा.

ट्रेन से शव को एक शहर से दूसरे शहर लाने के लिए परिजनों को रेलवे स्टेशन जाकर स्टेशन प्रबंधक को लिखित में आवेदन देना होगा. इसके साथ ही शव के साथ एक अटेंडेंट का होना भी जरूरी होगा.

किसी दूसरे शहर में मौत होने पर घर कैसे लाएं शव, जानें ट्रेन में कैसे मिलेगी बुकिंग?

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किसी व्यक्ति की दुनिया से चले जाने के बाद उसका मृत शरीर उसके परिवार जनों के लिए उस इंसान से जुड़ी आखिरी जिम्मेदारी होती है. लेकिन अक्सर ऐसा देखा गया है कि कोई इंसान और कहीं रहता है. अगर उसकी वहां मृत्यु हो जाए और उसका परिवार किसी दूसरे शहर में रहता है.
किसी व्यक्ति की दुनिया से चले जाने के बाद उसका मृत शरीर उसके परिवार जनों के लिए उस इंसान से जुड़ी आखिरी जिम्मेदारी होती है. लेकिन अक्सर ऐसा देखा गया है कि कोई इंसान और कहीं रहता है. अगर उसकी वहां मृत्यु हो जाए और उसका परिवार किसी दूसरे शहर में रहता है.
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तो उस दूसरे शहर से किसी अन्य शहर मृत शरीर को लाना एक बड़ी जद्दोजहद का काम होता है. इसके लिए अगर एंबुलेंस की बात की जाए तो वह काफी खर्चीली होती है. ऐसे में लोग सोचते हैं की ट्रेन से मृत शरीर को एक शहर से दूसरे शहर लाया जाए.
तो उस दूसरे शहर से किसी अन्य शहर मृत शरीर को लाना एक बड़ी जद्दोजहद का काम होता है. इसके लिए अगर एंबुलेंस की बात की जाए तो वह काफी खर्चीली होती है. ऐसे में लोग सोचते हैं की ट्रेन से मृत शरीर को एक शहर से दूसरे शहर लाया जाए.
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ट्रेन से शव को एक शहर से दूसरे शहर लाने के लिए क्या इंतजाम जरूरी हैं. इसके लिए रेलवे के नियम क्या कहते हैं. चलिए जानते हैं. भारतीय रेलवे अब लगभग इंसान की हर जरूरत को पूरा कर रहा है . साल दर साल रेलवे हाईटेक होता जा रहा है और सारी सुविधाएं भी इसमें मिल रही हैं. इसलिए आप जब किसी को को अपने परिजन का शव किसी दूसरे शहर से लाना है. तो उसके लिए भी रेलवे सुविधआ दे रही है.
ट्रेन से शव को एक शहर से दूसरे शहर लाने के लिए क्या इंतजाम जरूरी हैं. इसके लिए रेलवे के नियम क्या कहते हैं. चलिए जानते हैं. भारतीय रेलवे अब लगभग इंसान की हर जरूरत को पूरा कर रहा है . साल दर साल रेलवे हाईटेक होता जा रहा है और सारी सुविधाएं भी इसमें मिल रही हैं. इसलिए आप जब किसी को को अपने परिजन का शव किसी दूसरे शहर से लाना है. तो उसके लिए भी रेलवे सुविधआ दे रही है.
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इसके लिए आपको रेलवे स्टेशन जाना होगा और जहां आप पार्थिव शरीर को ले जाना चाहते हैं उसे रूट की ट्रेन पर जाकर इसकी बुकिंग करवानी होगी. इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं है. आपको इसके लिए स्टेशन जाना पड़ेगा वहीं जाकर आप बुकिंग करवा पाएंगे.
इसके लिए आपको रेलवे स्टेशन जाना होगा और जहां आप पार्थिव शरीर को ले जाना चाहते हैं उसे रूट की ट्रेन पर जाकर इसकी बुकिंग करवानी होगी. इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं है. आपको इसके लिए स्टेशन जाना पड़ेगा वहीं जाकर आप बुकिंग करवा पाएंगे.
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रेलवे की ओर से इस कार्य के लिए कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है. जब आप बुकिंग करवा देंगे तो उसके बाद रेलवे का एक अटेंडेंट उसे पार्थिव शरीर के साथ जहां की बुकिंग है वहां तक उसे पहुंचाएगा. रेलवे बोर्ड ने इस नई व्यवस्था को अब लागू कर दिया है. अगर किसी इंसान का सरकारी बड़े अस्पताल जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो जाता है तो उसे भी यह सुविधा मिलेगी.
रेलवे की ओर से इस कार्य के लिए कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है. जब आप बुकिंग करवा देंगे तो उसके बाद रेलवे का एक अटेंडेंट उसे पार्थिव शरीर के साथ जहां की बुकिंग है वहां तक उसे पहुंचाएगा. रेलवे बोर्ड ने इस नई व्यवस्था को अब लागू कर दिया है. अगर किसी इंसान का सरकारी बड़े अस्पताल जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो जाता है तो उसे भी यह सुविधा मिलेगी.
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इस सुविधा के लिए परिजनों को रेलवे स्टेशन जाकर स्टेशन प्रबंधक को लिखित में आवेदन देना होगा. इसके साथ ही शव के साथ एक अटेंडेंट का होना भी जरूरी होगा. अस्पताल द्वारा जारी किया गया मृत्यु प्रमाण पत्र देना भी जरूरी होगा. इसका अलग से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. रेलवे में 2 क्विंटल की बुकिंग के बराबर ही इसका चार्ज होगा जो कि ₹50 के करीब होगा.
इस सुविधा के लिए परिजनों को रेलवे स्टेशन जाकर स्टेशन प्रबंधक को लिखित में आवेदन देना होगा. इसके साथ ही शव के साथ एक अटेंडेंट का होना भी जरूरी होगा. अस्पताल द्वारा जारी किया गया मृत्यु प्रमाण पत्र देना भी जरूरी होगा. इसका अलग से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. रेलवे में 2 क्विंटल की बुकिंग के बराबर ही इसका चार्ज होगा जो कि ₹50 के करीब होगा.

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