चलती ट्रेन में हो जाए नेचुरल डेथ तो कितना मिलता है मुआवजा? रेलवे का यह नियम आएगा आपके काम

रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे की ओर से कई नियम भी बनाए गए होते हैं. यह नियम यात्रियों की सुविधाओं को देखकर के लिए भी होते हैं. इन नियमों का फायदा यात्रियों को होता है.
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जैसे अगर ट्रेन एक तय समय से ज्यादा लेट होती है. तो यात्रियों को रिफंड दिया जाता है. इसी तरह अगर ट्रेन में जा रहे किसी यात्री को कुछ नुकसान होता है. और इसके लिए रेलवे जिम्मेदार होता है. तो ऐसे में यात्री को मुआवजा दिया जाता है.

जैसे कई बार देखा गया है भारतीय रेलवे की ट्रेनों का एक्सीडेंट हो जाता है. तो कई बार ट्रेनें पटरियों से उतर जाती हैं. जिसके चलते कई यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में भारतीय रेलवे इन यात्रियों को मुआवजा देती है.
लेकिन अगर ट्रेन में यात्रा करने वाले किसी यात्री की नेचुरल डेथ होती है. यानी वह किसी बीमारी के चलते मर जाता है. या फिर और किसी हेल्थ इशू की वजह से उसकी मौत हो जाती है. तो क्या ऐसे में भी रेलवे की ओर से उसे मुआवजा मिलेगा?
अगर आपके मन में भी यह सवाल आ रहा है तो आपको बता दें ऐसा नहीं होता. रेलवे की ओर से मुआवजा सिर्फ तभी दिया जाता है जब किसी नुकसान में रेलवे की कोई कोताही हो. या किसी रेलवे कर्मचारी की कोई गलती हो.
अगर किसी यात्री की मौत नेचुरल परिस्थितियों में होती है. या फिर किसी यात्री की गलती से, तो ऐसे में इसके लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं होता. और इस तरह की मौत के मामलों में रेलवे की ओर से किसी तरह का कोई भी मुआवजा अदा नहीं किया जाता है.
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