क्या पत्नी की जगह बेटी को मिल सकती है पिता की पेंशन? जान लीजिए क्या है इसका नियम
ताकि अगर किसी स्थिति में वह परिवार के साथ नहीं रहता उसका निधन हो जाता है तो उसके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े उन्हें आर्थिक सहायता मिलती रहे. केंद्रीय सिविल सेवा के नियम 54 के तहत फैमिली पेंशन दी जाती है.
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View In Appकेंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियम 54 के तहत पेंशनभोगी के निधन के बाद उनकी पेंशन लेने के लिए हकदार तय किए गए हैं. जिनमें पेंशनभोगी का लाइफ पार्टनर जिसमें पति या पत्नी होते हैं. पेंशनभोगी के बच्चे, पेंशनभोगी के अभिभावक या गार्डियन और पेंशनभोगी के विकलांग भाई-बहन.
वहीं कई लोगों के मन में पेंशन को लेके यह सवाल भी आता है. क्या पेंशनभोगी की पत्नी की जगह उसकी बेटी को पेंशन मिल सकती है. क्या आप पिता की पेंशन को लेकर इस तरह का कोई प्रावधान है. चलिए आपको बताते हैं इस बारे में.
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार बेटी पिता की पेंशन लेने की हकदार है. दिमाग का दावे का विवाहित विवाहित और विधवा बेटियां फैमिली पेंशन ले सकती हैं. हालांकि इसके लिए कुछ अलग-अलग नियम हैं.
बेटी तब तक फैमिली पेंशन लेने के लिए एलिजिबल होती है. जब तक उसकी शादी ना हो जाए या उसे नौकरी न मिल जाए. लेकिन वही अगर बेटी मां से क्या शारीरिक रूप से विकलांग है. तो भी उसे पेंशन मिलती रहती है. नियमों के मुताबिक विधवा या तलाकशुदा बेटी को आजीवन पेंशन मिल सकती है.
अगर बेटी की शादी नहीं हुई और उसकी नौकरी नहीं लगी. तो वह फैमिली पेंशन आने की पूरी हकदार है. अगर बेटी भाई-बहनों सबसे बड़ी है. तो माता-पिता के बाद उसे पारिवारिक पेंशन मिलने का पूरा हक है.
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