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एसी बोगी में जबरन घुसने वालों के खिलाफ क्या एक्शन लेता है रेलवे? जानें क्या हैं नियम
Punishment For Forcibly Entering In AC Coach: अगर कोई यात्री तरीके से ट्रेन के एसी कोच में जबरन घुसने की कोशिश करता है. तो ऐसे में रेलवे की ओर से कार्रवाई की जा सकती है.

भारत में रोजाना ट्रेन के जरिए करोड़ों लोग सफर करते हैं. इन यात्रियों के लिए रेलवे की ओर से हजारों की संख्या में ट्रेन चलाई जाती है. ट्रेन में दो तरह से सफर किया जा सकता है. एक नॉन रिजर्व कोच में दूसरा रिजर्व कोच में.
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रिजर्व कोचों की बात की जाए तो उसमें स्लीपर और एसी के कोच शामिल होते हैं. इनमें आरक्षित सीटें होती हैं. जो पहले ही बुक करवानी होती है. कोई भी बिना रिजर्वेशन के इन कोचों में ट्रेवल नहीं कर सकता. न ही इनमें घुसने की इजाजत होती है.
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इसमें भी अगर किसी ने स्लीपर कोच का टिकट बुक किया है. तो वह स्लीपर कोच में ही ट्रेवल कर सकता है. अगर किसी ने एसी कोच में टिकट करवाई तो वह सिर्फ एसी कोच में ही सफर कर सकता है. कोई स्लीपर कोच टिकट वाला एसी कोच में जबरन नहीं घुस सकता.
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लेकिन पिछले कुछ समय में कई बार देखने को मिला है कि बहुत से लोग जबरन एसी कोच में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में महाकुंभ में कुछ लोग एसी कोच में जबरन घुसपैठ करते हुए देखे गए हैं. लेकिन ऐसा करने पर क्या हो सकती है सजा.
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रेलवे के नियमों के मुताबिक ऐसा करना अपराध है. रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत यात्री पर जुर्माना लगाया जा सकता है. इसमें जुर्माने की राशि किस स्टेशन से चढ़े इस हिसाब से तय होता है. बता दें ऐसे में जेल भी भेजा जा सकता है.
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बता दें अगर कोई बिना टिकट एसी कोच में जबरन घुस जाता है. तो पहले उसे 250 रुपये का जुर्माना देना होता है. इसके बाद जहां से यात्री ट्रेन में चढ़ा है और जिस स्टेशन पर टीटीई ने पकड़ा है. वहां तक का किराया भी देना होता है.
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लेकिन अगर कोई यात्री हिंसक तरीके से ट्रेन के एसी कोच में जबरन घुसने की कोशिश करता है. तो ऐसे में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को बुला उसे बाहर निकाला जा सकता है. और दूसरे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में डालने को लेकर उसे जेल भेजा सकता है.
Published at : 14 Feb 2025 03:44 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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