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Types Of Monitor: मॉनिटर क्या होता है? यहां जानिए मॉनिटर के अलग-अलग प्रकारों को

यह तो शायद आप सभी जानते हैं कि मॉनिटर क्या होता है. आज हम आपको मॉनिटर के अलग-अलग प्रकारों के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि मॉनिटर की फुल फॉर्म क्या होती है. आइए जानते हैं...

यह तो शायद आप सभी जानते हैं कि मॉनिटर क्या होता है. आज हम आपको मॉनिटर के अलग-अलग प्रकारों के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि मॉनिटर की फुल फॉर्म क्या होती है. आइए जानते हैं...

कंप्यूटर मॉनिटर

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Monitor: मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है, जिसकी फुल फॉर्म Mass on newton is train on rat होती है. मॉनिटर सीपीयू में चल रहे प्रोग्राम को हमें डिस्प्ले पर दिखाता है. मॉनिटर का आविष्कार Zworykin ने 1929 में किया था, जिसे सीआरटी (Cathode-ray Tube) मॉनिटर कहते हैं. समय के साथ आधुनिकीरण होता होगा गया और Monitor के प्रकार बदलते रहे. आज हमारे पास कई तरह के मॉनिटर उपलब्ध हैं.
Monitor: मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है, जिसकी फुल फॉर्म Mass on newton is train on rat होती है. मॉनिटर सीपीयू में चल रहे प्रोग्राम को हमें डिस्प्ले पर दिखाता है. मॉनिटर का आविष्कार Zworykin ने 1929 में किया था, जिसे सीआरटी (Cathode-ray Tube) मॉनिटर कहते हैं. समय के साथ आधुनिकीरण होता होगा गया और Monitor के प्रकार बदलते रहे. आज हमारे पास कई तरह के मॉनिटर उपलब्ध हैं.
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CRT Monitor: सीआरटी मॉनिटर बहुत भारी और बड़े साइज के होते थे. सीआरटी (CRT) मॉनिटर को कैथोड रेज ट्यूब भी कहते हैं. 1970 के दशक के आखिर में मॉनिटर में सीआरटी का इस्तेमाल शुरू हुआ था. 1977 में एप्पल ने सीआरटी कलर मॉनिटर लॉन्च किया था.
CRT Monitor: सीआरटी मॉनिटर बहुत भारी और बड़े साइज के होते थे. सीआरटी (CRT) मॉनिटर को कैथोड रेज ट्यूब भी कहते हैं. 1970 के दशक के आखिर में मॉनिटर में सीआरटी का इस्तेमाल शुरू हुआ था. 1977 में एप्पल ने सीआरटी कलर मॉनिटर लॉन्च किया था.
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LCD मॉनिटर: एलसीडी का पूरा नाम लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले होता है. यह सीआरटी मॉनिटर की तुलना में वजन में बहुत हल्के होते हैं और पतले होने की वजह से जगह भी कम घेरते हैं. एलसीडी का इस्तेमाल 1990 के दशक में शुरू हो गया था. इसे लैपटॉप के मॉनिटर के रूप में विकसित किया गया था.
LCD मॉनिटर: एलसीडी का पूरा नाम लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले होता है. यह सीआरटी मॉनिटर की तुलना में वजन में बहुत हल्के होते हैं और पतले होने की वजह से जगह भी कम घेरते हैं. एलसीडी का इस्तेमाल 1990 के दशक में शुरू हो गया था. इसे लैपटॉप के मॉनिटर के रूप में विकसित किया गया था.
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TFT मॉनिटर: TFT मॉनिटर एलसीडी मॉनिटर की तरह फ्लेट और पतले होते हैं. टीएफटी की फुल फॉर्म Thin Film Transistor होती है. ये एलसीडी मॉनिटर के मुकाबले ज्यादा अच्छा काम करते हैं. इनके ब्राइटनेस और कंट्रास्ट आंखों पर ज्यादा लोड नहीं डालते हैं.
TFT मॉनिटर: TFT मॉनिटर एलसीडी मॉनिटर की तरह फ्लेट और पतले होते हैं. टीएफटी की फुल फॉर्म Thin Film Transistor होती है. ये एलसीडी मॉनिटर के मुकाबले ज्यादा अच्छा काम करते हैं. इनके ब्राइटनेस और कंट्रास्ट आंखों पर ज्यादा लोड नहीं डालते हैं.
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प्लाज्मा मॉनिटर: प्लाज्मा Monitor कांच के बने होते हैं. इनको प्लाज्मा डिस्प्ले भी कहा जाता है. इनके कांच के अंदर छोटे सेल का इस्तेमाल किया जाता है. इनके अंदर इलेक्ट्रिकली चार्ज आयोनाइज्ड गैस भरी होती है, इसे ही प्लाज्मा कहते हैं. इसी वजह से इसे प्लाज्मा मॉनिटर कहा जाता है.
प्लाज्मा मॉनिटर: प्लाज्मा Monitor कांच के बने होते हैं. इनको प्लाज्मा डिस्प्ले भी कहा जाता है. इनके कांच के अंदर छोटे सेल का इस्तेमाल किया जाता है. इनके अंदर इलेक्ट्रिकली चार्ज आयोनाइज्ड गैस भरी होती है, इसे ही प्लाज्मा कहते हैं. इसी वजह से इसे प्लाज्मा मॉनिटर कहा जाता है.
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LED मॉनिटर: एलईडी (LED) मॉनिटर सबसे हल्के और किफायती होते हैं. यह आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते और एलसीडी मॉनिटर की तुलना में ज्यादा लंबे समय तक काम कर सकते हैं. आज के मॉडर्न जमाने में एलईडी मॉनिटर (LED Monitor) ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहे हैं. यह सबसे कम इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम करते हैं.
LED मॉनिटर: एलईडी (LED) मॉनिटर सबसे हल्के और किफायती होते हैं. यह आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते और एलसीडी मॉनिटर की तुलना में ज्यादा लंबे समय तक काम कर सकते हैं. आज के मॉडर्न जमाने में एलईडी मॉनिटर (LED Monitor) ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहे हैं. यह सबसे कम इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम करते हैं.

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