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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बसों में क्यों रखे जाते हैं फायर एक्सटिंगिशर
भारत में कुल 19 लाख के करीब बसें संचालित होती है. जिसमें करोड़ों की संख्या में लोग सफर करते हैं. क्योंकि बसें इतने यात्रियों के लेके ट्रेवल करती हैं. तो ऐसे में हादसों की संभावना भी बनी रहती है.
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View In Appइसलिए बसों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना जरूरी है. सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश द्वारा बसों और अन्य यातायात साधनों को जरूरी सुरक्षा के मापदंड अपनाने होते हैं.
जिनमें फर्स्ट एड किट से लेकर फायर एक्सटिंग्विशर यानी अग्निशमन यंत्र रखना जरूरी होता है. अगर बसों में यह नहीं होता तो फिर संबंधित बस ऑपरेटर, कंडक्टर और ड्राइवर पर कार्रवाई हो सकती है.
कभी कभार बसों के साथ सड़क दुर्घटना हो जाती है. जिसके चलते उनमें आज भी लग जाती है. जिससे यात्रियों की जान भी चली जाती है. अगर ऐसे में दुर्घटना के बाद बस में आग लग जाए. और अग्निशमन यंत्र मौजूद हो. तो इससे यात्रियों को नुकसान नहीं होता.
अग्निशामक यंत्र में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी होती है. कार्बन डाइऑक्साइड आग को बुझाने के लिए पहले हवा में ऑक्सीजन को कार्बन डाइऑक्साइड से बदल देती है.यह ठंडी होती है इसलिए यह आग बुझाने में मदद करती है.
सरकार के निर्देश द्वारा सभी बसों में अग्निशामक यंत्र होना अनिवार्य. लेकिन कभी-कभी लोग बस चालक नियम का पालन करने के लिए अग्निशमन यत्र बसों में रखते हैं. लेकिन वह खाली होते हैं. जिससे जरूरत पड़ने पर वह किसी काम नहीं आते.
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