जानें- पर्दे पर रोमांस से लेकर ओशो के बगीचे की रखवाली करने वाले विनोद खन्ना की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से
1971 में फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश’ के बाद धर्मेन्द्र ने बताया था कि किस तरह विनोद खन्ना अपने अभिनय से रोल को जीवंत बना देते हैं.
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View In Appरुपहले पर्दे का यह चमकता सितार कैंसर से जूझते हुए इस साल 27 अप्रैल को इस दुनिया से अलविदा कह कर चला गया.
विनोद खन्ना को फिल्म ‘इंसान’ में जितेन्द्र से ज्यादा पैसा दिया गया था और ‘परवरिश’, ‘हेरा फेरी’, ‘ख़ून पासीना’, अमर अकबर एंथोनी' जैसी फिल्मों में भी विनोद खन्ना ने अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा कमाई की थी.
आज विनोद खन्ना का 71 वां जन्मदिन है और हम आपको बता रहे हैं उनकी जिंदगी के अंजाने पहलू.
1976 में अरूणा विकास की फिल्म ‘शक’ में एक बार फिर विनोद खन्ना ने लवमेकर की इमेज को तोड़ते हुए एक संदिग्ध हत्यारे की भूमिका निभाई जिसकी काफी सराहना की गई.
अपने करियर के मुख्य दौर में ही खन्ना ने ओशो रजनीश के शिष्य बनने के लिए फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया और अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने ओशो के माली के रूप में काम किया और पांच साल बाद भारत वापस आए. उसी दौरान विनोद खन्ना ने पत्नी गीतांजली से तलाक भी लिया था.
वह अपनी दूसरी पत्नी कविता से एक पार्टी में मिले थे, जो उन्होंने होस्ट की थी. कविता को पार्टी में बुलाया नहीं गया था.
विनोद खन्ना ने 1968 में सुनील दत्त की फिल्म ‘मन का मीत’ से विलन के रूप में बॉलीवुड में एंट्री की थी और फिर बाद में रोमांटिक हीरो के किरदार में फेमस हो गए.
बॉलीवुड और भारतीय राजनीति में विनोद खन्ना के अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.
एक तथ्य यह भी है कि 1980 के दशक की फिल्म ‘कुर्बानी’ में विनोद खन्ना के साथी एक्टर रहे फिरोज खान का भी संयोगवश 27 अप्रैल 2009 को निधन हो गया था.
बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक, हर जगह अपने किरदार की छाप छोड़ने वाले बॉलीवुड के दिवंगत सुपरस्टार विनोद खन्ना का आज जन्मदिन है. विनोद खन्ना ने विलन के रूप में बॉलीवुड में एंट्री की थी और फिर रोमांटिक हीरो के किरदार में फेमस हो गए. इस साल 27 अप्रैल को कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया था.
विनोद खन्ना ने 1998 में राजनीति में कदम रखा और पंजाब के गुरूदासपुर जिले से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में 1998, 1999, 2004 और 2014 में लोकसभा सांसद के तौर पर निर्वाचित हुए.
विनोद खन्ना का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था, लेकिन 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार मुंबई में आकर बस गया.
अमिताभ बच्चन के इंकार के बाद विनोद खन्ना ने 1980 में फिल्म ‘कुर्बानी’ में अपनी भूमिका निभाई जो बाद में उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी.
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