एक्सप्लोरर

...जब गुस्साए प्रणब ने कैबिनेट बैठक में पूछा ये सवाल, 'क्या पुलिस ईद के मौके पर किसी मौलवी को गिरफ्तार कर सकती हैं?'

1/12
मुखर्जी ने यह भी कहा कि जब उन्होंने मनमोहन सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया, तब सोनिया ने उनके इस में शामिल होने पर बल दिया क्योंकि यह उनके ‘कामकाज के लिए महत्वपूर्ण होगा. साथ ही सिंह को भी सहयोग मिलेगा.’ उन्होंने बुक लॉन्च के दौरान कहा कि कांग्रेस अपने आप में एक गठबंधन है क्योंकि यह सभी विचारों को एक मंच पर लाती है.  उन्होंने कहा, ‘‘भीतर के साथ-साथ बाहर गठबंधन होना कठिन है. किन्तु यह किया गया.’’ मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने पुस्तक में गठबंधन के सालों का ज़िक्र किया है और किसी व्यक्तिगत मामलों को शामिल नहीं किया गया. इस मौके पर सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने मुखर्जी के साथ अपने लंबे अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत स्वयं में ही एक महागठबंधन है जिसमें बहुलतावादी विचार शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) सरकार के प्रथम कार्यकाल में कई जटिल मुद्दों पर मुखर्जी के साथ उनका विचार विमर्श हुआ और उनके अनुभवों का लाभ उठाया गया.
मुखर्जी ने यह भी कहा कि जब उन्होंने मनमोहन सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया, तब सोनिया ने उनके इस में शामिल होने पर बल दिया क्योंकि यह उनके ‘कामकाज के लिए महत्वपूर्ण होगा. साथ ही सिंह को भी सहयोग मिलेगा.’ उन्होंने बुक लॉन्च के दौरान कहा कि कांग्रेस अपने आप में एक गठबंधन है क्योंकि यह सभी विचारों को एक मंच पर लाती है. उन्होंने कहा, ‘‘भीतर के साथ-साथ बाहर गठबंधन होना कठिन है. किन्तु यह किया गया.’’ मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने पुस्तक में गठबंधन के सालों का ज़िक्र किया है और किसी व्यक्तिगत मामलों को शामिल नहीं किया गया. इस मौके पर सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने मुखर्जी के साथ अपने लंबे अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत स्वयं में ही एक महागठबंधन है जिसमें बहुलतावादी विचार शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) सरकार के प्रथम कार्यकाल में कई जटिल मुद्दों पर मुखर्जी के साथ उनका विचार विमर्श हुआ और उनके अनुभवों का लाभ उठाया गया.
2/12
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह पुस्तक किसी इतिहासकार की नज़र से नहीं बल्कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता के नजर से लिखी गयी है. उन्होंने कहा कि 1996 से लेकर 2004 के बीच पुस्तक में देवगौड़ा सरकार, गुजराल सरकार, वाजपेयी सरकार और मनमोहन सरकार के कामकाज का ब्यौरा दिया गया है. मनमोहन की यह टिप्पणी इसलिए महत्व रखती है क्योंकि मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में कहा, ‘‘यह बड़ी उम्मीद थी कि सोनिया गांधी के मना करने के बाद प्रधानमंत्री के लिए मैं ही अगली पंसद रहूंगा. यह उम्मीद संभवत: इस तथ्य पर आधारित थी कि सरकार में मेरे पास व्यापक अनुभव है.’’
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह पुस्तक किसी इतिहासकार की नज़र से नहीं बल्कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता के नजर से लिखी गयी है. उन्होंने कहा कि 1996 से लेकर 2004 के बीच पुस्तक में देवगौड़ा सरकार, गुजराल सरकार, वाजपेयी सरकार और मनमोहन सरकार के कामकाज का ब्यौरा दिया गया है. मनमोहन की यह टिप्पणी इसलिए महत्व रखती है क्योंकि मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में कहा, ‘‘यह बड़ी उम्मीद थी कि सोनिया गांधी के मना करने के बाद प्रधानमंत्री के लिए मैं ही अगली पंसद रहूंगा. यह उम्मीद संभवत: इस तथ्य पर आधारित थी कि सरकार में मेरे पास व्यापक अनुभव है.’’
3/12
  मनमोहन सिहं ने कहा कि प्रधानमंत्री रहने के दौरान सरकार को जब भी किसी जटिल मुद्दे का हल निकालना होता था तो मंत्री समूह का गठन किया जाता था और अधिकतर जीओएम की अध्यक्षता उस समय मुखर्जी ही कर रहे होते थे. इस अवसर पर मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक में राजनीतिक कार्यकर्ता की नजर से 1996-2004 तक की लंबी राजनीतिक यात्रा को समझने और समीक्षा का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि उन्हें संसद में लंबा अनुभव रहा है और उन्हें संसद में देश के कई बड़े नेताओं को सुनने का मौका मिला.
मनमोहन सिहं ने कहा कि प्रधानमंत्री रहने के दौरान सरकार को जब भी किसी जटिल मुद्दे का हल निकालना होता था तो मंत्री समूह का गठन किया जाता था और अधिकतर जीओएम की अध्यक्षता उस समय मुखर्जी ही कर रहे होते थे. इस अवसर पर मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक में राजनीतिक कार्यकर्ता की नजर से 1996-2004 तक की लंबी राजनीतिक यात्रा को समझने और समीक्षा का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि उन्हें संसद में लंबा अनुभव रहा है और उन्हें संसद में देश के कई बड़े नेताओं को सुनने का मौका मिला.
4/12
सिंह ने कहा कि इससे उनके और मुखर्जी के संबंध बेहतरीन हो गये और सरकार को एक टीम की तरह चलाया जा सका. जिस तरह से उन्होंने भारतीय राजनीति के संचालन में महान योगदान दिया है, वह इतिहास में दर्ज होगा. मनमोहन ने मुखर्जी के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह 1970 के दशक से ही उनके साथ काम कर रहे हैं. डा. सिंह ने कहा कि वह दुर्घटनावश राजनीति में आये जबकि मुखर्जी एक कुशल और मंझे हुए राजनीतिक नेता हैं.
सिंह ने कहा कि इससे उनके और मुखर्जी के संबंध बेहतरीन हो गये और सरकार को एक टीम की तरह चलाया जा सका. जिस तरह से उन्होंने भारतीय राजनीति के संचालन में महान योगदान दिया है, वह इतिहास में दर्ज होगा. मनमोहन ने मुखर्जी के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह 1970 के दशक से ही उनके साथ काम कर रहे हैं. डा. सिंह ने कहा कि वह दुर्घटनावश राजनीति में आये जबकि मुखर्जी एक कुशल और मंझे हुए राजनीतिक नेता हैं.
5/12
 दरअसल कांग्रेस पार्टी पर यूपीए सरकार के दौरान मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे थे. खासकर बीजेपी ने तो इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था. ऐसे में प्रणब मुखर्जी का ये बयान बीजेपी को एक मुद्दा थमा सकता है . आपको बता दें कि 2004 मई में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन की सरकार बनी थी. प्रणब मुखर्जी मई 2004 से अक्टूबर 2006 तक में रक्षा मंत्री रहे थे.
दरअसल कांग्रेस पार्टी पर यूपीए सरकार के दौरान मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे थे. खासकर बीजेपी ने तो इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था. ऐसे में प्रणब मुखर्जी का ये बयान बीजेपी को एक मुद्दा थमा सकता है . आपको बता दें कि 2004 मई में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन की सरकार बनी थी. प्रणब मुखर्जी मई 2004 से अक्टूबर 2006 तक में रक्षा मंत्री रहे थे.
6/12
 प्रणब मुखर्जी ने लिखा है, ''एक कैबिनेट बैठक के दौरान मैं इस गिरफ्तारी के समय को लेकर काफी नाराज़ था. मैंने सवाल पूछा कि क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना केवल हिन्दू संतों महात्माओं तक ही सीमित है? क्या किसी राज्य की पुलिस किसी मुस्लिम मौलवी को ईद के मौके पर गिरफ्तार करने का साहस दिखा सकती है?'' जानकारी के लिए बता दें कि कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को 2004 के नवंबर महीने में दीवाली के आस पास एक हत्या के आरोप में आंध्र प्रदेश से गिरफ़्तार किया गया था.
प्रणब मुखर्जी ने लिखा है, ''एक कैबिनेट बैठक के दौरान मैं इस गिरफ्तारी के समय को लेकर काफी नाराज़ था. मैंने सवाल पूछा कि क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना केवल हिन्दू संतों महात्माओं तक ही सीमित है? क्या किसी राज्य की पुलिस किसी मुस्लिम मौलवी को ईद के मौके पर गिरफ्तार करने का साहस दिखा सकती है?'' जानकारी के लिए बता दें कि कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को 2004 के नवंबर महीने में दीवाली के आस पास एक हत्या के आरोप में आंध्र प्रदेश से गिरफ़्तार किया गया था.
7/12
पूर्व प्रधानमंत्री के इस कमेंट पर न केवल मुखर्जी और मंच पर बैठे सभी नेता बल्कि वहां मौजूद और लोगों की पहली पंक्ति में बैठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया सहित सभी सुनने वाले हंसी में डूब गये. मुखर्जी की पुस्तक के लॉन्च के मौके पर मुखर्जी, मनमोहन के साथ साथ सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) नेता सीताराम येचुरी, एसपी (समाजवादी पार्टी) अध्यक्ष अखिलेश यादव, डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कलगम) नेता कानिमोई मंच पर मौजूद थे. इनके बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे.
पूर्व प्रधानमंत्री के इस कमेंट पर न केवल मुखर्जी और मंच पर बैठे सभी नेता बल्कि वहां मौजूद और लोगों की पहली पंक्ति में बैठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया सहित सभी सुनने वाले हंसी में डूब गये. मुखर्जी की पुस्तक के लॉन्च के मौके पर मुखर्जी, मनमोहन के साथ साथ सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) नेता सीताराम येचुरी, एसपी (समाजवादी पार्टी) अध्यक्ष अखिलेश यादव, डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कलगम) नेता कानिमोई मंच पर मौजूद थे. इनके बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे.
8/12
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं. किताब में लिखे प्रणब मुखर्जी के एक बयान से बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो सकता है. मुखर्जी ने अपनी नई किताब  'द कोलिशन इयर्स 1996–2012' में लिखा है कि उन्होंने 2004 में कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे. पूर्व राष्ट्रपति ने इस किताब में लिखा है कि वह इस गिरफ्तारी से बेहद नाराज थे. इस नाराजगी को उन्होंने सरकार के सामने ज़ाहिर भी किया था. अपनी नई किताब के एक अध्याय में प्रणब ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि वह पुलिस की इस कार्रवाई से बेहद ग़ुस्से में थे और इस मामले को कैबिनेट की बैठक में भी उठाया था.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं. किताब में लिखे प्रणब मुखर्जी के एक बयान से बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो सकता है. मुखर्जी ने अपनी नई किताब 'द कोलिशन इयर्स 1996–2012' में लिखा है कि उन्होंने 2004 में कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे. पूर्व राष्ट्रपति ने इस किताब में लिखा है कि वह इस गिरफ्तारी से बेहद नाराज थे. इस नाराजगी को उन्होंने सरकार के सामने ज़ाहिर भी किया था. अपनी नई किताब के एक अध्याय में प्रणब ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि वह पुलिस की इस कार्रवाई से बेहद ग़ुस्से में थे और इस मामले को कैबिनेट की बैठक में भी उठाया था.
9/12
मनमोहन ने साल 2004 में अपने प्रधानमंत्री बनने का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में चुना और ‘प्रणबजी मेरे बहुत ही प्रतिष्ठित सहयोगी थे.’ उन्होंने कहा, ‘‘इनके (मुखर्जी के) पास यह शिकायत करने के सभी कारण थे कि मेरे प्रधानमंत्री बनने की तुलना में वह इस पद (प्रधानमंत्री) के लिए अधिक योग्य हैं…लेकिन वे इस बात को भी अच्छी तरह से जानते थे कि उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था.’’
मनमोहन ने साल 2004 में अपने प्रधानमंत्री बनने का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में चुना और ‘प्रणबजी मेरे बहुत ही प्रतिष्ठित सहयोगी थे.’ उन्होंने कहा, ‘‘इनके (मुखर्जी के) पास यह शिकायत करने के सभी कारण थे कि मेरे प्रधानमंत्री बनने की तुलना में वह इस पद (प्रधानमंत्री) के लिए अधिक योग्य हैं…लेकिन वे इस बात को भी अच्छी तरह से जानते थे कि उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था.’’
10/12
  दिल्ली में बीते शु्क्रवार को प्रणब मुखर्जी की इस किताब का विमोचन हुआ, जिसमें सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेता मौजूद थे. इस कार्यक्रम में केन्द्र में 2004 से 2014 तक लगातार दो बार यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर चुके पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बनने के मामले में उनके पास तो कोई विकल्प ही नहीं बचा था और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस बात को अच्छी तरह जानते थे.
दिल्ली में बीते शु्क्रवार को प्रणब मुखर्जी की इस किताब का विमोचन हुआ, जिसमें सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेता मौजूद थे. इस कार्यक्रम में केन्द्र में 2004 से 2014 तक लगातार दो बार यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर चुके पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बनने के मामले में उनके पास तो कोई विकल्प ही नहीं बचा था और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस बात को अच्छी तरह जानते थे.
11/12
 प्रणब मुखर्जी ने लिखा है कि बैठक में सोनिया गांधी से हुई बातचीत से उन्हें ऐसा लगा कि वो मनमोहन सिंह को यूपीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहती हैं. मैंने सोचा कि अगर वो मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनती हैं तो शायद मुझे प्रधानमंत्री के लिए चुनें. मैंने इस तरह की कुछ बातें सुनी थीं कि वो कुछ ऐसा सोच रही हैं.
प्रणब मुखर्जी ने लिखा है कि बैठक में सोनिया गांधी से हुई बातचीत से उन्हें ऐसा लगा कि वो मनमोहन सिंह को यूपीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहती हैं. मैंने सोचा कि अगर वो मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनती हैं तो शायद मुझे प्रधानमंत्री के लिए चुनें. मैंने इस तरह की कुछ बातें सुनी थीं कि वो कुछ ऐसा सोच रही हैं.
12/12
   प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं. इन खुलासों का एक अहम हिस्सा वह भी है जहां प्रणब मुखर्जी ये बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी, सोनिया गांधी उन्हें प्रधानमंत्री बनाएंगी. प्रणब मुखर्जी ने 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के समय का हवाला देते हुए लिखा है कि दो जून को उनकी सोनिया के साथ बैठक थी. इस बैठक में सोनिया गांधी से पार्टी से लेकर सरकार तक हर मुद्दे पर उनकी बेबाक चर्चा हुई. बैठक में यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई. इस बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, “प्रणब जी, आप सबसे काबिल उम्मीदवार हैं लेकिन सरकार चलाने में आपकी बेहद अहम भूमिका है, जिसे आपको नहीं भूलना चाहिए. क्या आप कोई विकल्प सुझाएंगे.”
प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं. इन खुलासों का एक अहम हिस्सा वह भी है जहां प्रणब मुखर्जी ये बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी, सोनिया गांधी उन्हें प्रधानमंत्री बनाएंगी. प्रणब मुखर्जी ने 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के समय का हवाला देते हुए लिखा है कि दो जून को उनकी सोनिया के साथ बैठक थी. इस बैठक में सोनिया गांधी से पार्टी से लेकर सरकार तक हर मुद्दे पर उनकी बेबाक चर्चा हुई. बैठक में यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई. इस बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, “प्रणब जी, आप सबसे काबिल उम्मीदवार हैं लेकिन सरकार चलाने में आपकी बेहद अहम भूमिका है, जिसे आपको नहीं भूलना चाहिए. क्या आप कोई विकल्प सुझाएंगे.”

फोटो गैलरी

वेब स्टोरीज

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
ठंड शुरू होते ही ऐसे बनाएं मक्के दी रोटी और सरसों का साग, ये रही रेसिपी
ठंड शुरू होते ही ऐसे बनाएं मक्के दी रोटी और सरसों का साग, ये रही रेसिपी
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget