दुनियाभर की पानी की बोतलों में मिला है प्लास्टिक: रिपोर्ट
पानी को मापने का तरीका दुकानों और कुरियर से आए पानी को लिया गया. प्लास्टिक का पता लगाने के लिए एक खास रंग यानी नाइल रेड का इस्तेमाल किया गया था.
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View In Appपानी के नमूनों को देश-विदेश की नौ कंपनियों से लिया गया है. इनमें एक्वाफ़ीना, दसानी, एवियान, नेस्ले प्योर लाइफ़, सेन पेलेग्रिनो, एक्वा (इंडोनेशिया), बिस्लेरी (भारत), एपुरा (मेक्सिको), जेरोस्टाइनर (जर्मनी), मिनाल्बा (ब्राज़ील), वाहाहा (चीन) शामिल हैं.
पिछले साल प्रोफेसर मेसन ने तो नल के पानी के नमूनों में भी प्लास्टिक के कण पाए थे. कई दूसरे शोधकर्ताओं ने सी-फूड, बीयर, समुद्री नमक और यहां तक की हवा में भी प्लास्टिक पाया.
कंपनियों ने जांच के लिए माइक्रोप्लास्टिक पर नियमों की अनुपस्थिति और स्टैंडर्ड प्रक्रियाओं की कमी का सवाल खड़ा किया है.
परिणामों के बाद जब कंपनियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे उत्पाद के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता के अच्छे मापदंड अपनाते हैं.
कंपनियों ने जवाब में कहा है कि उनके बॉटलिंग प्लांट उच्चतम मानकों से चलते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि किसी खास ब्रैंड पर उंगली उठाना का मकसद नहीं है बल्कि प्लास्टिक आज हर जगह है. प्लास्टिक ऐसा पदार्थ बन गया है जो व्यापक स्तर पर फैल चुका है और यह पानी में भी मौजूद है.
अमेरिका की स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क की प्रोफेसर शेरी मेसन ने कहा, हमने इसे हर दूसरी बोतल और ब्रांड में पाया है.
हाल में अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने एक सर्वे किया हैं. जिसमें नौ अलग-अलग देशों की 250 बोतलों पर जांच की गई हैं. इस जांच में बोतलों के अंदर प्लास्टिक के कण पाए गए हैं.
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