साल 2016 में नोट-7, फ्रीडम-251 और सेल्फ ड्राइविंग कारों के फेल होने की रही चर्चा
यहां तक कि दिसंबर में ख़बरें आ गईं कि रिंगिंग बेल्स ने अपने स्टोर बंद कर दिए हैं. कंपनी ने इससे इनकार किया, लेकिन अभी भी बाजार में इस सस्ते फोन का इंतजार ही है.
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View In Appतमाम विवादों के बाद जुलाई में कंपनी ने 5000 फोन बेचने की घोषणा की और कहा कि आने वाले समय में कंपनी पहले से रजिस्टर्ड 65,000 ग्राहकों को भी फोन देगी. लेकिन जल्द ही कंपनी की सारी घोषणाएं बस घोषणाएं बनकर रह गईं और विशेषज्ञों ने इसे 'डिजिटल इंडस्ट्री का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा करार दिया'.
साल की दूसरी सबसे बड़ी असफलता भारतीय कंपनी के हिस्से आई. फरवरी में रिंगिंस बेल्स प्राइवेट लिमिटेड ने जैसे ही फ्रीडम-251 लाने की घोषणा की, यह फोन पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बन गया.
सैमसंग ने नोट-7 फोन के मौजूदा ग्राहकों को पुराना फोन बदलकर नया फोन देने की पेशकश दी, लेकिन बदलकर दिए गए नए स्मार्टफोन में भी आग लगने की घटनाएं सामने आने लगीं. इसके चलते कंपनी को अक्टूबर में इसका प्रोडक्शन रोकना पड़ा.
A man tries out the Samsung's latest smartphone Galaxy Note 7 at a roadshow booth outside a shopping mall in Beijing, Thursday, Sept. 1, 2016. Samsung has delayed shipments of Galaxy Note 7 smartphones in South Korea for quality control testing after reports that batteries in some of the jumbo smartphones exploded while they were being charged. (AP Photo/Andy Wong)
लेकिन कुछ ही दिन बाद फोन की बैट्री फटने की ख़बरें आने लगीं और चार्ज करने के दौरान फोन के आग पकड़ने की दुर्घटनाएं घटने के बाद दक्षिण कोरिया की इस टॉप कंपनी को बिक चुके 25 लाख स्मार्टफोन्स दुनियाभर के बाजारों से वापस लेने पड़े.
सैमसंग ने बीते अगस्त में अपना फ्लैगशिप फोन गैलेक्सी नोट-7 बाजार में उतारा. इसकी सीधी टक्कर एपल के फ्लैगशिप फोन आईफोन-7 और गूगल के फ्लैगशिप फोन पिक्सल से मानी जा रही थी.
लेकिन भारतीय मोबाइल बाजार में साल का सबसे चर्चित उत्पाद नोएडा की कंपनी रिंगिंग बेल का 251 रुपये से कम कीतम में पेश किया गया फ्रीडम- 251 रहा. कम कीमत का डंका बजाने वाला ये फोन बाजार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में असफल रहा.
स्मार्टफोन बाजार में सबसे बड़ी असफलता सैमसंग की गैलेक्सी नोट-7 स्मार्टफोन के हिस्से आई, वहीं कई गंभीर दुर्घटनाओं के कारण बिना ड्राइवर वाली कारों का भविष्य भी फिल्हाल के लिए अंधकार में चला गया.
इस दौरान ज़्यादातर स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों ने इन नई चीज़ों के बल पर बिज़नेस में नई ऊंचाइयों को छुआ वहीं कुछ कंपनियों के सबसे बड़े प्रोडक्ट्स फेल होने के कारण उनकी छवि को काफी नुकसान भी हुआ.
टेक्नॉलजी, खासकर टेलिकॉम सेक्टर में साल 2016 ने कस्टमर्स को ऑर्टिफिशियल इंडेलिजेंश (एआई) और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) जैसे नई चीज़ों से मुखातिब करवाया.
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