![माह-ए-रमज़ान | आख़िरी रोज़े पर सजाएं आज का दिन क़व्वाली से, निज़ामी बंधू ग्रुप के चाँद निज़ामी के साथ | Ep. 05](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/04/12/c0273057deb77471ce1acdc6e1bb7c1c_original.jpg)
माह-ए-रमज़ान | आख़िरी रोज़े पर सजाएं आज का दिन क़व्वाली से, निज़ामी बंधू ग्रुप के चाँद निज़ामी के साथ | Ep. 05
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
रमज़ान के इस पाक महीने में ABP Live Podcasts लाया है श्रोताओं के लिए एक नई podcast series. पेश है माह-ए-रमज़ान, जहाँ होंगी रमज़ान के महीने पर चर्चा, क्या खाया जाए कहाँ खाया जाये, रोज़े कैसे रखते हैं और क्यों, ज़कात क्या होती है, कैसे दी जाती है, सेहरी से लेकर इफ्तार तक और सेहरिवालों से लेकर खजूर वालों तक, रमज़ान शहर की एक भी गली खाली नहीं छोड़ेंगे।
आज माह-ए-रमज़ान के आख़िरी एपिसोड में साहिबा ख़ान वादे के मुताबिक़ लाई हैं एक रूहानी क़व्वाली का दिन । वादा तो ये था कि हज़रत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर जाया जायेगा और वहां से सीधा आपके कानों तक पहुंचेगी निज़ामी बंधुओं की सूफियाना क़व्वालियाँ। मगर कोरोना की दूसरी लहर के चलते ये ख़याल ख़याल ही रह गया। मगर वादा निभाते हुए साहिबा ख़ान लाई हैं चाँद निज़ामी साहब को आप तक, virtual meeting के ज़रिये। सुनिए उनके गाये हुए ‘कुन फाया कुन’ से लेकर अमीर ख़ुसरो की नज़्म ‘छाप तिलक’ तक सभी मशहूर क़व्वालियाँ, सिर्फ और सिर्फ ABP Live Podcasts - माह-ए-रमज़ान - पर।
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