बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' ने कांग्रेस का इन राज्यों में किया बुरा हाल, साल 2014 से अब तक की रिपोर्ट | FYI | Ep. 274
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GOOD EVENING आप सुन रहे है ABP LIVE PODCAST FOR YOUR information मै हूँ आपके साथ मनीषा अग्रवाल
हाल ही में जैसे की हम सभी जानते है गोवा में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा और पूर्व मुखयमंत्री दिगंबर कामत सहित कांग्रेस के आठ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए है. वही विपक्षी दलों ने इसे ऑपरेशन कमल से जोड़ना शुरू कर दिया है.
आइये सबसे पहले जान लेते है आखिर ऑपरेशन लोटस है क्या? ऑपरेशन लोटस के जरिए बीजेपी दूसरी पार्टी के विधायकों को लालच देकर अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश करती है. कवायत ये होती है की पार्टी लोटस ऑपरेशन के तहत दूसरी पार्टी के विधायकों को इस्तीफा देने के लिए प्रभावित करती है. जिससे उस विधानसभा की संख्या का समीकरण बदल जाये और बीजेपी के पास सरकार बनाने का मौका आ जाये
बता दें ऑपरेशन लोटस पहली बार साल 2004 में चर्चा में आया था. जब बीजेपी ने कर्नाटक में धरम सिंह की सरकार गिराने की कोशिश की थी. उस समय विपक्ष ने बीजेपी के इस तरीके से विधायकों की संख्या बढ़ाने की कवायत को ऑपरेशन लोटस नाम दिया था. बता दें, ऑपरेशन लोटस बीजेपी का कोई अभियान नही है बल्कि विपक्ष और मीडिया के द्वारा दिया गया नाम है
आइये आज हम जानेगे आखिर बीजेपी ने किन किन राज्यों में पहले भी कांग्रेस का खेल ख़राब किया है.
इसी साल 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में 40 सीटों में से बीजेपी ने सबसे ज्यादा 20 सीटे जीती और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई. वही कांग्रेस को 11 सीटे मिली. लेकिन हार के बाद से ही कांग्रेस में फूट की खबरे सामने आने लगी. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत समेत कांग्रेस के आठ विधायक भाजपा में शामिल हुए है.
साल 2017में भी बीजेपी ने कुछ ऐसा ही किया था. विधानसभा चुनाव में 40 में से 17 सीटे जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वही बीजेपी को 13 सीटे ही हासिल हुई. लेकिन 2 साल बाद यानी 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए जिसके साथ बीजेपी ने सरकार बना ली
साल 2019 में महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी नेता सरकार गिराने के दावे करते रहे और ये दावे सच भी हुए जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत का बिगुल बजा दिया. इसी साल जून महीने में एकनाथ शिंदे करीब 40 से ज्यादा विधायकों के साथ गुवाहाटी चले गए. यहां से उन्होने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने का एलान किया. इसके बाद बीजेपी ने सामने आकर शिंदे गुट से हाथ मिलाया और ऑपरेशन कमल के तहत शिंदे को मुखयमंत्री बनाया गया. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने.तो कुछ इस तरह महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार बनी
साल 2018 में मध्य प्रदेश में काफी कम सीटों के अंतर से कांग्रेस की वापसी हुई. कमलनाथ मुखयमंत्री बने. दो साल बाद यानी 2020 में कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दि और अपने साथ 22 विधायकों का समर्थन हासिल कर इस्तीफा दें दिया. फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफा दें दिया. जिसके साथ एक बार फिर मध्यप्रदेश में शिवराज चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी
साल 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 224 सीटों में से 104 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वही कांग्रेस को 78, तो जेडीएस को 37 सीटे मिली. कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन में सरकार बनाई. लेकिन 14 महीने सरकार चलाने के बाद अचानक इस गठबंधन के 17 विधायक मुंबई चले गए. विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार अपना बहुमत साबित नही कर पाई और इस तरह कांग्रेस- जेडीएस की सरकार गिर गयी.इस तरह यहां भी बीजेपी ने सरकार बनाई
साल 2014 में अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 60 में से सबसे ज्यादा 42 सीटे कांग्रेस को मिली वही बीजेपी को 11 ही सीटों पर जीत हासिल हुई. लेकिन 2 साल बाद यानी 2016 में कांग्रेस के अंदर झगड़ो को चलते मुखयमंत्री पेमा खांडू समेत 42 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया और पीपीए यानी पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल में शामिल हो गए. बाद में पीपीए के साथ मिलकर बीजेपी ने सरकार बनाई.
अब बात करते है आरोप प्रत्यारोपों की हाल ही में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुखयमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा' की दिल्ली में ऑपरेशन लोटस फेल हो गया. इसका मतलब है CBI ED रेड का शराब नीति और भ्रष्टाचार से कोई लेना देना नही है. ये केवल दिल्ली में " आप " की सरकार गिराने के लिए किया गया है. जैसे इन्होने दूसरे राज्यों में किया.
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने एक बड़ा आरोप लगाया था, की बीजेपी की तरह से उन्हें सीएम पद की ऑफर हुआ है. यहां तक कहा गया की अगर पार्टी को तोड़ दिया गया तो उन पर लगे सभी आरोप वापस के लिए जायेगे वही मनीष सिसोदिया के आरोपों पर बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा, " की जब सीबीआई उनका फ़ोन जब्त कर चुकी है, तो उन्हें कैसे कोई मैसेज मिला. मनीष ने खुद ट्वीट कर बताया था की उनका फ़ोन CBI ले गयी है. तो किसके फ़ोन पर फ़ोन या मेसेज आया उसका नाम बताए और फ़ोन की जांच करवाय.ताकि दूध का दूध और शराब का शराब हो जाये
खौर आरोप प्रतायारोपो का सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा
आज के लिए इतना ही. फिर मुलाकत होंगी एक नए एपिसोड के साथ और अन्य जानकारी के लिए सुनते रहिये, ABP LIVE PODCAST