विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर ABP Live Podcast पर आनंद प्रधान से सीधी बात-चीत । FYI
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
ABP Live Podcast पर आज विश्व हिंदी दिवस के दिन श्री आनंद प्रधान जी मौजूद हैं जो IIMC में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और इस बात-चित में उन्होंने अपने विचार हिंदी भाषा के ऊपर प्रकट किये हैं और इसके बारे में बात - चीत की हैं ।
उन्होंने कहा की हिंदी भाषा ने बीतते वक़्त के साथ अपने विस्तार को काफी बढ़ाया हैं और इसमें मीडिया और मनोरंजन के जितने भी माध्यम हैं जैसे टेलीविज़न और सिनेमा सभी ने बड़ा योगदान दिया हैं। साथ ही उन्होंने दो अलग अलग विचारधाराओं की भी बात की जिसमें उन्होंने बताया की कुछ लोगों का मानना हैं की हिंदी भाषा का संस्कृत के साथ थोड़ा झुकाव हो वही दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना हैं कि हिंदी को आम बोल-चाल कि भाषा कि तरह ही रहने दिया जाए। हिंदी को ज्ञान की भाषा बनाने में और खासतौर पर समाज विज्ञान और विज्ञान की भाषा बनाने में हमें और मेहनत करने की जरूरत हैं। उन्होंने हिंदी भाषा को दूसरी भाषाओं के साथ अच्छे रिश्ते भी बनाने पर जोर दिया जिसमें उन्होंने बताया की किसी भी भाषा को छोटा या बड़ा आंकने की भूल नहीं होनी चाहिए। अंततः उन्होंने एक - दो दशकों में हिंदी भाषा में हुए बदलाव के बारे में भी बात - चीत की और दो अलग - अलग हिंदी भाषा एक जो आमतौर पर बोली जाती हैं और दूसरी जो सरकारी दस्तावेजों में इस्तेमाल होती हैं और राजभाषा कहलाती जो थोड़ी संस्कृतनिष्ठ हैं इसपे भी रौशनी डाली।