आख़िर कैसे बन गई जांच एजेंसियां सरकार को सरकार से डराने का हथियार | FYI | Ep. 261
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
जैसे ही सत्ता हाथ में आई, सबसे पहली खबर महाराष्ट्र से ये आई कि संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय से बुलावा आ गया है और शरद पवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने समन भेजा है जिसे शरद पवार ‘love letter’ कह रहे हैं।
और ये कोई नई बात नहीं है, कम से कम आजकल तो नहीं। जिस नेता को, या पार्टी को डराना-धमकाना हो, बस एक नोटिस प्रवर्तन निदेशालय का या फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का भिजवा दो
आ जायेंगे ऊँट पहाड़ के नीचे। तो कैसे निपट रही हैं गैर-BJP पार्टियां इस पैंतरे से, और क्या है इस पैंतरे का इतिहास - जब केंद्र और राज्य एक दूसरे को डराने-धमकाने के लिए इन जांच एजेंसियों का सहारा लेने लगते हैं। हमने बात की नवोदय टाइम्स के संपादक के श्रीवास्तव से और उनसे भी कुछ सवाल पूछे इसी के इर्द-गिर्द। आप से साझा करेंगे कि…
नमस्कार,
मैं हूँ साहिबा ख़ान और आप सुन रहे हैं ABP Live Podcasts की पेशकश - FYI. दोस्तों भारत का संविधान एक federal structure यानी कि संघीय ढांचा ध्यान में रख कर बनाया गया था। संघीय ढांचा यानी कि 2 सरकारें होंगी। एक तो केंद्र में और एक राज्य में। कुछ जगहों पर केंद्र हावी रहेगा तो कुछ मुद्दों पर राज्य सरकारें। मगर आज कल एक चीज़ जो देखने सुनने में ज़्यादा आ रही है वो है केंद्र बनाम राज्य, और specifically, गैर-बीजेपी सरकारें। आये दिन सुनने में आता रहता है कि आज इनको ED का notice पहुँच गया है तो आज इनको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने notice भेजा। 2014 से अब तक लगभग 570 केस हैं जो गैर-भाजपा नेताओं और लोगों के खिलाफ बनाए गए हैं। तुलना करेंगे तो पता चलेगा कि कांग्रेस के दूसरे कार्यकाल से 340 फीसदी ज़्यादा है ये आंकड़ा। इस पैंतरे को अब विपक्ष ने नाम दे दिया है vendetta politics यानी कि प्रतिशोध की राजनीति। और अगर ये प्रतिशोध की राजनीति है भी तो विपक्ष इसका सामना करने के अलावा बाकी सब कुछ का रहा है - झूठ, विक्टिम बनना, खुद को बयानों से डिफेंड करना या फिर जाइए को तैसा करना। मगर अब शायद पार्टियों ने समझ लिया है कि इन धमकियों से निपटना कैसे है। जहाँ संजय राउत ने रिक्वेस्ट किया कि सवाल-जवाब आगे बढ़ा दिए जाएँ मगर बढे नहीं, वहीँ शरद पवार ने इनकम टैक्स के नोटिस को लव लेटर कह दिया। मगर मेरे हिसाब से सबसे बढ़िया तरीके से तो Aam Aadmi Party निपटी है इस पैंतरे से।आप पूछेंगे कैसे? दरअसल जब सत्येंद्र जैन को ED ने हिरासत में लिया तो अरविन्द केजरीवाल कैमरा पर आ कर क्या बोले थे, देखते हैं
BITE
केजरीवाल ने अपनी सो कॉल्ड साफ़ सुथरी छवि को maintain करने के लिए हमेशा ही कहा है कि हम खुद भ्रष्ट नेताओं को पार्टी से अलग करेंगे। तो बीजेपी इस बयान के लिए शायद तैयार नहीं थी। रोने की बजाये पार्टी ने खुद ही बोल दिया कि ‘आन दो’. जिस नब्ज़ को BJP पकड़ती है - कि बाक़ी सरकारें तो भ्रष्ट हैं, देश-द्रोही हैं, इसलिए हमें वोट दें, वो भाजपा AAP के साथ नहीं कर पायी क्योंकि AAP ने रोने की बजाये कह दिया कि हम तुमसे बड़े देशभक्त हैं और किसी भी भ्रष्ट नेता को, जिसकी परिभाषा अब देशद्रोही की परिभाषा से भी मेल खाने लगी है , उसको पार्टी में नहीं रखेंगे। अरविन्द केजरीवाल भी संघ और भाजपा की भाषा बोलते दिखाई दिए।
वैसे काम तो राहुल गाँधी ने भी बुरा नहीं किया। 50 घंटे चली है ED द्वारा उनकी भी पूछताछ और उन्होंने भी cooperate किया है। महाराष्ट्र में जहाँ महा विकास अघाड़ी ने देशद्रोह के मामले में नवनीत और रवि राणा को आढ़े हाथों लिया, वहीँ ममता बनर्जी ने भी अर्जुन सिंह को corruption के charges के तहत गिरफ्तार कार्य था जब तक वो बीजेपी में रहे। इत्तेफ़ाक़न ये arrest भी तब ही हुआ जब ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर केंद्र की जांच एजेंसी CBI ने अपनी नज़र गढ़ाई और सवाल जवाब के लिए उन्हें समन भेजा।
आप पहले की भी बात करें तो इंदिरा गाँधी के समय में भी कई बार पार्टियां साथ आईं ताकि केंद्र उन पर अपना वर्चस्व ना बना सके। 1980 में सत्ता में लौटने के बाद से इंदिरा गाँधी ने नौ राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया था। जिसके कारण Graniville Austin ने इसे 1983 का संवैधानिक विद्रोह बताया था।
चलिए अब बात करते हैं आकू श्रीवास्तव से और उनसे जानते हैं कि वो क्या सोचते हैं इस पैंतरे के बारे में।
INTERVIEW
तो आपने सुना कि क्या कहा आकू साहब ने - कि अगर हम चोर नहीं तो हमें डर किस बात का। हाँ मगर जानबूझ कर इन एजेंसियों का फायदा उठाना एक दूसरे को कमज़ोर करने के लिए, ये हमारे लोकतंत्र को भी कमज़ोर करता है। तो पहली सीख तो ये है कि भ्रष्ट ही न हों, और हों तो फिर रोने की बजाये प्रताड़ना स्वीकार करें वर्ण जवाबी कार्यवाही करें क्योंकि ये तो अर्सों इ होता आया है, और होता रहेगा। ज़रूरत है खुद को सही रखें की।
मैं हूँ साहिबा ख़ान और आप सुन रहे हैं ABP Live Podcasts
Host: @jhansiserani
Sound designing: @lalit1121992