HSC Exams | क्या आप जानना चाहती हैं कि Board exams आख़िर बनाये किसने और क्यों | FYI | Ep. 252
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
Introduction:
Time:0.10 - 1.05
याद हैं वो दिन जब आप से कहा जाता था कि बस इस 10वीं के लिए पढ़ लो, फिर तो ऐश है। फिर बोलते थे कि 12वीं तक पढ़ लो उसके बाढ़ तो ऐश है। भाई आज तक उसी ऐश के इंतज़ार में बैठे हैं और इसी तरह सारी उम्र निकल गई इंतज़ार करते करते। कल महाराष्ट्र के HSC यानी कि Higher Secondary Certificate परीक्षा के नतीजे निकले हैं और लड़कियों ने इस बार लड़कों से बाज़ी मार ली है अच्छे अंक ला कर। बचपन में कितना कोसते थे उसे जिसने ये इम्तेहान बनाए।मगर क्या आपको पता है कि वाक़ई में किसने ये इम्तिहान बनाये और क्यों? जाना चाहेंगी? चलिए आइये जानते हैं
Body
Time: 1.10 - 5.05
नमस्कार आदाब सत्श्रीअकाल,
मैं हूँ Sahiba Khan और आप सुन रहे हैं ABP Live Podcasts की पेशकश FYI जहाँ जीवन की मरण की और उसके बीच हर चीज़ की। मगर आज हम बात करेंगे HSC इम्तिहानों के बारे में। दोस्तों HSC इम्तिहान वो इम्तिहान होते हैं जो कक्षा बारहवीं में हम और आप देते हैं। उन्हें ही कहते हैं Higher Secondary Certificate के इम्तिहान। अभी कल की ही बात ले लीजिये, महाराष्ट्र के Higher Secondary Certificate का result आया है और लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों को board के इन इम्तिहानों में मात दी है।
इस साल महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं में कुल 94.22 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं. लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा है. लड़कियों का पास परसेंटेज 95.34 और लड़कों का पास प्रतिशत 93.29 रहा है.
और यही है आज के हमारे FYI का trigger - क्या आपने सोचा है कि ये सभी State और Central बोर्ड के exams का इतिहास क्या है? क्यों होते हैं ये exam, क्यों बनाये गए थे ये Higher Secondary Certificate. बोर्ड के exams के समय गालियां तो बहुत देते होंगे कि कौन बना गया ये exam, मगर आज कई सालों बात आपको वो जवाब मलने जा रहा है। तो दिल थाम कर बैठें। सबसे पहले बात करते हैं CBSE exams की
CBSE
1965 में Central Board of Secondary Education (CBSE) आया है Ajmer में Board of Rajputana से। इसी बोर्ड को बेहतर कर के CBSE बोर्ड में तब्दील किया गया। उस समय Rajputana Board देश में 5 राज्यों में चलाया जा रहा था। Zakir Hussain जब राष्ट्रपति बने तो उन्हीं के नेतृत्व में ये फैसला लिया गया कि अब से Ajmer का Rajputana Board देशभर में चलाया जायेगा CBSE के नाम से। अब आखिरकार एक तो ऐसा शिक्षा का board, curriculum होना चाहिए जो देशभर में समान हो। ये board सबसे पहले देश के Kendriye Vidyalaya स्कूलों यानी कि Central Schools में लाया गया - जहाँ सरकारी नौकरी-पेशा लोगों के बच्चे और सेना के लोगों के बच्चे पढ़ाई किया करते थे। उसके बाद CBSE को Higher Secondary कहा जाने लगा।
अब CBSe बोर्ड हो रहा था काफी मशहूर तो सरकार ने फैसला लिया कि केवल केंद्रीय विद्यालयों में ही नहीं बल्कि private स्कूलों में भी आप आवेदन डाल सकते हैं और जांच-पड़ताल के बाद आप भी CBSE बोर्ड हो सकते हैं। अब पहले तो शिक्षा केवल अमीर लोगों और राजघराने के लिए ही थी। इसलिए इसे Rajputana Board of Ajmer कहा जाता था। ये ग्वालियर में भी चलता था वहां के राजा-रजवाड़ों के लिए। मगर अब भारत बदल रहा था और शिक्षा सभी के लिए accessible होनी शुरू हुई थी.
अब क्या था कि स्कूलों में CBSE बोर्ड तो चालू हो गया था मगर कोई standardization नहीं था। कोई एक सिलेबस नहीं था। फिर 1975 में आये Dr K Venkatasubramanian, एक मशहूर अर्थशास्त्री और शिक्षाविद यानी कि educationist थे। उन्होंने Plus 2 का कांसेप्ट लाया यानी कि बोर्ड exams. तो अब पता चला किसने invent किये board exams.
ICSE
अब आ जाते हैं ICSE पर।
The Indian Certificate of Secondary Education (ICSE) एक Christian Minority board है जिसे अब केंद्रीय board का status मिल गया है। ये बोर्ड मान लें अंग्रेज़ों की देन था। भले ही CBSE बोर्ड ज़्यादा प्रचलन में हो मगर कहते हैं कि आज भी ICSE बोर्ड का बच्चा और उनकी पढाई old school, थोड़े पुराने ज़माने की तरह है। और कहीं कहीं CBSE से बेहतर भी है। हालाँकि CBSE बोर्ड के बारे में मान्यता है कि ये आज के नए ज़माने का बोर्ड है जिसमें बच्चों का समय बर्बाद नहीं कराया जाता, grade system होता है, exam बेमतलब के मुश्किल नहीं होते और सभी के लिए बना है ये बोर्ड - एवरेज बच्चे से लेकर के topper तक लिए।
बाकि Boards की बात करते हैं
देश भर में करीब 32 शिक्षा के board हैं और CBSE और ICSE को मिला कर 34. कुछ अलग-अलग प्रकार के boards हैं जैसे कि UP Board, Manipuri pattern, Punjab pattern, West Bengal pattern, Tamil Nadu pattern, Anglo Indian Board, the Madarasa Board or the Oriental School इन सबमें धर्म का बहुत प्रभाव होता है।
Conclusion:
Time: 5.06 - 6.09
मगर होता क्या है कि ये सभी Board एक dusre को कॉम्पलिमेंट करने की बजाये एक दूसरे को काटने की कोशिश करते हैं। Tamil Nadu में जैसे मुख्यमंत्री रहे दिवंगत M G Ramachandran ने Matriculation Board को मशहूर करने के लिए स्कूल में वो चलवाया। मगर एक बात है भाषा की। दक्षिण भारत में जितने भी राज्य हैं, वो अपनी भाषा को लेकर खासा प्रेरित महसूस करते हैं, ख़ास लगाव रखते हैं। उनकी भाषा से ही उनका इतहास और रोज़ मर्रा का काम होता है। तो इस वजह से कई राज्यों में State Board को ज़्यादा तवज्जो दी जाती है। अब उप्र की बात करें तो कई लोग तो कहते हैं कि UP board से ज़्यादा कठिन कोई सिलेबस नहीं है। कहते हैं CBSE के 90% ICSE के 80 और UP Board के 60% होते हैं। मगर ये सब तो कहीं-सुनी बातें है। इन कही सुनी बातों के अलावा भी मैंने आपको आज आपके boards का इतिहास बताया, उस इंसान को नाम दिया जिसे आप हर बोर्ड में कोसते थे। तो you’re welcome.
फिलहाल मैं चलती हूँ, आओ से अगले FYI में मुलाक़ात होगी। होना ध्यान रखें और सुनते रहे ABP Live Podcasts की पेशकश FYI
Host: @jhansiserani
Sound designing: @lalit1121992