Human Rights Day: क्या आप ऑफिस में Psychological Abuse के शिकार हैं, जानें | FYI
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
एलेक्शंस की न्यूज़ के बीच में आज नज़र पड़ी एक खबर पर लिखा था
5 में से 1 नौकरीपेशा कार्यस्थल पर उत्पीड़न के शिकार
583 million people across globe face psychological abuse at workplace
पहले मैंने सोचा ये तो शायद आपको पता होगा, क्या आपको ये पता है की आप Psychological abuse के शिकार हैं ? क्या आपको boss की डांट और psychological abuse में अंतर पता है ? क्या आपको पता है कोई क्यों करता है ऐसा? क्या ?कैसे ? जानिए आज के FYI में सिर्फ abp LIVE podcast पर। हेलो मैं मानसी हूँ आपके साथ और मेरे साथ हैं Psychiatrist डॉ सुदेष्णा बिस्वास
इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन की ये रिपोर्ट है जिसमें बताया गया है की 583 million people across globe face psychological abuse at workplace । मतलब की अगर कोई झेल रहा है तो उसकी हालत क्या होगी क्यूंकि हम सुबह से लेकर रात तक अपने पूरे दिन का ज़्यादातर समय ऑफिस में ही बिताते हैं अगर नौकरीपेशा हैं । चूँकि हम मेन्टल हेल्थ जो की हमारा एक ह्यूमन राइट है , अक्सर भूल जाते हैं तो इसके बारे में बात नहीं करते। आज मैं करुँगी बात। चलिए शुरू करते हैं।
तीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों की 56 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है, "कार्यस्थल पर हिंसा और उत्पीड़न एक व्यापक और अत्यधिक हानिकारक घटना है. इसके नकारात्मक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिणाम दूरगामी हैं. श्रमिकों के खिलाफ हिंसा से श्रमिकों को जो मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक नुकसान होता है और उत्पीड़न इन श्रमिकों के साथ-साथ श्रम बाजार को भी दूरगामी आर्थिक नुकसान पहुंचाता है. इससे उनका पेशेवर जीवन भी खतरे में आ जाता है. इससे कार्यस्थल और समाज को भी आर्थिक नुकसान होता है." 6.3 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने तीनों प्रकार के दुर्व्यवहार का सामना किया है. यानी पेशेवर जीवन के दौरान शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और यौन हिंसा.