National Herald Case Explained| आख़िर क्या है ये केस जिसके कारण 17 घंटों से चल रही है Rahul Gandhi से ED की पूछताछ | FYI | Ep. 254
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Introduction
Time:0.10 - 2.50
“निकलना खुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन,
बहुत बेआबरू हो कर तेरे कूंचे से हम निकले”
ये मिसरा है ग़ालिब की नज़्म ‘हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी’ का। ग़ालिब साहब ने सोचा भी नहीं होगा कि किसकदर फिट बैठेगा ये मिसरा जब Rahul Gandhi 10 घंटे की ED की पूछताछ के बाद बहार निकले होंगे।
वैसे तो अपने अभी तक पढ़ ही लिया होगा मगर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने न्यूज़ पेपर ‘नेशनल हेराल्ड’ (National Herald) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और पार्टी नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जून के शुरुआती हफ्ते में पेश होने के लिए समन जारी किया था. इस मामले में सोमवार को राहुल गांधी तुगलक लेन स्थित अपने आवास से हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ईडी के दफ्तर पहुंचे भी थे. उनसे इस मामले में पूरे 10 घंटे तक पूछताछ की गई और फिर उन्हें आज दोबारा बुलाया गया जहां अब भी पूछताछ जारी है. सुबह 11 बजे से निकले Rahul अब भी ED के दफ्तर से फारिक नहीं हो पाए हैं। मगर ये कैसा मामला है जहाँ देश की सबसे पुरानी पार्टी के आलाकमान को इस तरह 10 घंटे से ऊपर ED के सवालों के जवाब देने पड़ गए।
आज FYI में बस इसी मामले को थोड़ा समझने की कोशिश करेंगे।
Body:
Time: 2.55- 8.50
नमस्कार आदाब सत्श्रीअकाल,
मैं हूँ Sahiba Khan और आप सुन रहे हैं ABP Live Podcasts की पेशकश FYI. तो क्या है National Herald ?
नेशनल हेराल्ड एक न्यूज पेपर है, जिसे साल 1938 (अड़तीस) में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शुरू किया था. इस न्यूज पेपर को चलाने का ज़िम्मा 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL) नाम की कंपनी के पास था. शुरुआत से इस कंपनी में कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग हावी रहे. करीब 70 साल बाद 2008 में घाटे की वजह से इस न्यूज पेपर को बंद करना पड़ा. तब कांग्रेस ने AJL को पार्टी फंड से बिना ब्याज का 90 करोड़ रुपए का लोन दिया. फिर सोनिया और राहुल गांधी ने 'यंग इंडियन' नाम से नई कंपनी बनाई. यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स को दिए लोन के बदले में कंपनी की 99 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई. यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था.
ठीक है। तो फिर ED की जांच क्यों शुरू हुई ?
जिस नेशनल हेराल्ड केस की वजह से राहुल गांधी का ईडी के सवालों से सामना हुआ, उसकी शुरुआत 10 साल पहले 2012 में हुई थी. जब सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में केस दर्ज कराया था. स्वामी ने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो AJL पर कांग्रेस का बकाया था. इन दोनों के अलावा 4 और चेहरे इस केस में आरोपी बनाए गए थे. कांग्रेस के दो सीनियर नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, पत्रकार सुमन दुबे और सैम पित्रोदा. इनमें से दो आरोपियों मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस का निधन हो चुका है.
स्वामी की ओर से दाखिल किए गए इस मुकदमे में आरोप लगाया गया कि यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी के जरिए नेशनल हेराल्ड का गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया और कांग्रेस नेताओं ने करोड़ों की संपत्ति हथिया ली. दो साल बाद जून 2014 में कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया. इसके बाद अगस्त में ईडी ने मामले का संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. सोनिया और राहुल गांधी ने साल 2015 में अलग-अलग 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि अदा करने के बाद दिल्ली की पटियाला कोर्ट से जमानत हासिल की थी. इसके अगले साल यानी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी, लेकिन कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया.
सोनिया-राहुल से क्या जानना चाहती है ईडी?
ईडी ने सोनिया गांधी को आठ जून और राहुल गांधी को 13 जून को पेश होने के लिए समन जारी किया. ईडी के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है. ईडी सोनिया, राहुल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर वित्तीय लेनदेन, यंग इंडियन के प्रवर्तकों और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की भूमिका के बारे में पता लगाना चाहती है.
ईडी (ED) ने जांच के तहत हाल ही में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और पवन बंसल (Pawan Bansal) से भी पूछताछ की थी. यह मामला कांग्रेस समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था. एक निचली अदालत की ओर से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए (PMLA) के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था.
अब कांग्रेस के नेता इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं
विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा, ये कहा भूपेश बघेल ने
कांग्रेस नेता-कार्यकर्ताओं के पैदल मार्च को रोके जाने के बाद कई बड़े नेता सड़कों पर बैठ गए हैं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी सड़क पर बैठे हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम शांति से पैदल मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें रोका गया. उन्होंने कहा कि पैदल मार्च करने में क्या परेशानी है. उन्होंने ये भी कहा कि केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए.
रणदीप सुरजेवाला कह रहे हैं कि मुख्यमंत्रियों को पीटा जा रहा
कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं के पैदल मार्च को पुलिस ने रोका है. साथ ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. वहीं अब सुरजेवाला ने कहा, मुख्यमंत्रियों को पीटा जा रहा है.
देश में स्थिति बहुत गंभीर है- अशोक गहलोत
राजस्थान के सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, दिल्ली पुलिस पर सरकार के दबाव की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. हम धारा 144 से निपट सकते हैं लेकिन आप हमें एआईसीसी कार्यालय में आने से नहीं रोक सकते. देश में स्थिति बहुत गंभीर है.
Conclusion:
Time: 9.10- 935
तो ये कुछ reactions थे जो कांग्रेस नेताओं ने दिए। अब देखना ये होगा कि आज की ये सवाल-जवाब वाली कार्यवाही कब तक चलेगी।
फिलहाल मैं चलती हूँ, आगे FYI में मुलाक़ात होगी। तब तक अपना ख्याल रखें और सुनते रहे ABP Live Podcasts की पेशकश FYI
Host: @jhansiserani
Sound designing: @lalit1121992