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Tamil Nadu, Art & Painting
Blood Art पर क्यों लगाया Ban तमिलनाडु सरकार ने ? क्या है इसका इतिहास? आखिर क्यों है ब्लड आर्ट इतनी खतरनाक, जानें।FYI
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तमिलनाडु सरकार ने खून से बनी पेंटिंग पर रोक लगा दी है। इसकी वजह राज्य में ‘ब्लड आर्ट’ के चलन में तेजी को बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने सेफ्टी कन्सर्न से यह फैसला लिया है। 28 दिसंबर 2022 को तमिलनाडु के हेल्थ मिनिस्टर एमए सुब्रमण्यम चेन्नई में अचानक खून से पेंटिंग बनाने वाले एक स्टूडियो में पहुंचते हैं। यहां पर पेंटिंग के लिए रखे गए कई ब्लड की शीशियों और नीडिल्स को देखकर वह हैरान रह जाते हैं। उसी वक्त वो खून से पेंटिंग बनाने वाले स्टूडियो पर बैन लगाने का ऐलान कर देते हैं। आखिर क्यों है ब्लड आर्ट इतनी खतरनाक , जानिये डॉ नेहा रस्तोगी पांडा से आज FYI में ABP LIVE PODCASTS पर मानसी के साथ .
1980 में असम में एक आंदोलन शुरू हुआ। इसका मकसद राज्य के तेल भंडार पर केंद्र सरकार के अधिकार का विरोध करना था। लोगों को कहना था कि असम से तेल दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहिए। इस आंदोलन को मजबूती खून से लिखे एक नारे ने दी थी। दरअसल, 22 साल के एक युवा ने गुवाहाटी की सड़कों पर अपने खून से लिखा था- ‘हम खून देंगे, तेल नहीं।’ बाद में ये नारा आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोगों की जुबान पर चढ़ गया था। यह इकलौता उदाहरण नहीं है, जब खून आंदोलन का प्रतीक बना हो।इससे पहले 1841 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में लाला हुकुम चंद ने खून से पत्र लिखकर दिल्ली के मुगल सम्राट से मदद मांगी थी। 'ब्लड आर्ट' एक तरह से प्रोपेगैंडा फैलाने और प्रचार करने के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है। ये किसी ताकतवर या सत्ता के शीर्ष पर बैठे इंसान के फैसले लेने की क्षमता को भी बदल सकता है। 2004 में चेन्नई में एक कराटे सिखाने वाले शख्स शिहान हुसैनी ने खून से जयललिता की कई पेंटिंग बनाई थीं। इस पेंटिंग से जयललिता इतनी खुश हुई थीं कि उन्होंने हुसैनी को अपने घर बुलाया और एक जमीन का प्लॉट खरीदने के लिए उसे 80 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने क्यों बैन लगाया है ब्लड आर्ट पर आइये जानते हैं।
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