राजू श्रीवास्तव की ख़ास बातें, जो उन्हें बाकी कॉमेडियंस से 'हटके' बनाती हैं
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
गजोधर भैया उदास बैठे हैं। संकटा, ऐ संकटा, एक आदमी की आवाज़ सता रही है। वो याद आ रहा है, लेकिन कुछ बोल नहीं बोल रहे हैं। बिरजू, यादौ कहाँ हैं सारे के सारे... कहीं खो गए हैं। पता नहीं कहाँ चले गए। राजू श्रीवास्तव के ये साथी कुछ बोलते नहीं। चुप हैं... कानपुर के जरीब चौकी पे लस्सी पिए थे राजू के साथ, फिर घंटाघर गए थे चाचा को लिवाने। चाचा को लिवा के आए और वहाँ से फिर जेके मंदिर निकल लिए। वहाँ से वापस लौटे तो पता चला उनका दोस्त कहीं खो गया। राजू मिल नहीं रहा है। जिसके मुँह से मीठी सी मिसरी वाली बातें सुनते थे, वो राजू भैया रूठ के पता नहीं कहाँ चले गए हैं।
टीवी पर आज सुबह देखा तो नज़र ठहर गई, पता चला कि राजू भैया नहीं रहे। पुरानी कहानियाँ याद आ रही हैं, याद है न... जब लाफ़्टर चैलेंज में गजोधर भैया ने सिद्धू पाजी को हँसा-हँसा के आँसू निकाल दिए थे। हमने कॉमेडी को पसंद करना भी तभी से किया था। सेंस ऑफ़ ह्यूमर कमाल ही था राजू का।
जब राजू भैया पुलिस वाले के पास गए तो पुलिस वाले ने पूछा, पीते हो?
मुस्कुरा के बोले, मँगवा लीजिए।
पुलिस वाला भी हँस पड़ा।
छोटी छोटी चीज़ों से, रोज़मर्रा की चीज़ों से कॉमेडी का फ़्लेवर निकालने का हुनर था राजू के पास कि पूछो नहीं।
जैसे शराब का मज़ा काजू के बिना नहीं आता
वैसे ही कॉमेडी का मज़ा राजू के बिना नहीं आता
राजू के पास इतनी कहानियाँ हैं और उनमें छोटी-छोटी बातें हैं। पति पत्नी की शादी होती है, तो पति जाता है पंडित जी के पास। कि कैसी रहेगी शादी, भविष्य बताइए।
बच्चा हस्तरेखाएँ बता रही हैं कि शुरू के तीन वर्ष के बड़े कठिन हैं बेटा, बड़े कठिन। शुरू के तीन वर्ष... पत्नी पति पर भारी है, शुरू के तीन वर्ष... पत्नी पति से कपड़े धुलवाएगी, शुरू के तीन वर्ष... पत्नी पति से बर्तन मँजवाएगी, शुरू के तीन वर्ष... पत्नी पति से फड़का मरवाएगी, शुरू के तीन वर्ष बड़े कठिन हैं।
अच्छा बाबा, तीन वर्ष बाद क्या होगा?
तीन वर्ष के बाद, तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी।
जैसे ही राजू के जाने की ख़बर आई, तो दुःख उभर पड़ा। आम आदमी के पास क्या ही होता है संवेदना जताने के लिए। ट्विटर, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम... सब जगह बस राजू ही राजू हैं। मानो अपने घर का कोई चला गया हो। कब किसकी खिंचाई कर दें राजू भैया क्या मालूम। इतने तो कैरेक्टर हैं उनके पास... लगता ही नहीं कि अब वापस नहीं आएँगे। राजू भैया चले भी जाएँगे तो उनकी आवाज़ कहाँ जाएगी। कौन कौन सी बातें करके हँसाया है इस आदमी ने। गाय की आवाज़ में जोक कौन सुनाता है भला।
ये भी नहीं है कि राजू श्रीवास्तव केवल हँसाते ही हैं, अपनी एक्टिंग के ज़रिए रुलाने का भी फ़न रखते हैं। बूढ़ी गाय पर वह एक किस्सा सुनाते हैं। गाय बूढ़ी हो चुकी है, गाय का दूध अब सूख चुका है। उसको पता है कि जल्दी ही कोई ख़रीदार उसको ख़रीदने आया है। गाय की आँखों में आँसू उतर आए हैं। राजू श्रीवास्तव ख़ुद गाय की इतनी ख़ूबसूरत अदाकारी करते हैं, कि आपकी आँखें भी नम हो जाएँगी। उस मर्म भरी व्यथा को इंसान की ज़िंदगी से जोड़कर वो कितने अनोखे रंग प्रस्तुत करते हैं।
राजू की एक्टिंग की बात की हमने, उनके हास्य को तो सब जानते हैं।
पॉलिटिक्स में भी जलवे हैं भैया के। लालू यादव के सामने लालू यादव की एक्टिंग करने का टैलेंट सबमें नहीं होता।
राजू श्रीवास्तव ने लालू जी के सामने बोला है कि लालू जी, देश के सारे हास्य कलाकार आपकी मिमिक्री करते हैं। जॉनी लीवर, मैं हो गया, और भी दूसरे लोग... आप देश से ज़्यादा हमारे काम आते हैं। और लालू जी हँस पड़े।
सारे हास्य कलाकार लालू जी को कॉपी करते हैं, राजू जी को कॉपी करने वाला कोई नहीं होगा।
राजू श्रीवास्तव एक किस्सा सुनाते हैं, लालू जी के परिवार में ढेर सारे बच्चे हैं। उस पर लालू यादव ने जोक सुना दिया।
राजू श्रीवास्तव ही हैं जो लालू यादव को सुपरमैन के रूप में सोच सकते हैं। एक कार्यक्रम में लालू जी के सामने ही उनको सुपरमैन बनने के बाद उनके घर में क्या क्या घटेगा, सुना रहे हैं।
वो बताते हैं कि सुपरमैन बनने पर राबड़ी जी उनसे बोलेंगी, कि ये क्या नीला चादर लपेट लिए हो, और ये लाल चड्डी पहन के कौन उड़ता है। लालू यादव सुपरमैन मोड में बोलते हैं, कि ए धत्त, दुनिया समाज में हमारा इज्जत होता है, लोग प्यार करता है, हम समाजसेवा करते हैं। राबड़ी डाँटते हुए बोलती हैं कि वो सब तो ठीक है, लेकिन घर के दरवज्जे से निकला करिए न, छत में छेद करके कौन उड़ता है भला।
हाँ ये कर लो पहले वाला मीम कितना चलता है न...
जेसीबी मशीन खुद बन जाते हैं राजू श्रीवास्तव. जेसीबी की एक्टिंग करते हैं। कुछ लोग खड़े हो जाएँगे, और फिर राजू भैया उनकी एक्टिंग। हँसने की एक्टिंग, मसाला चबाने की एक्टिंग, पान थूकने की एक्टिंग, उस स्टाइल में बोली गई बेसिक सी बातें, जिनको आप सुनके बोलें कि यार क्या मौज ले रहा है ये आदमी.
उनके कॉमेडी के क़िस्से ऐसे होते हैं, एकदम निराले। किसी चुभने वाली बात को भी इस लहजे में बोलते हैं कि जिसपे लगे, उसके दिल से भी ठहाके फूटें। प्यार करने वाले और हँसाने वाले हमेशा याद किए जाते हैं, याद किए जाते रहेंगे।
रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई
राजू भाई, आपने हमें जी भर के हँसाया, उसका दिल से शुक्रिया।
इस ऑडियो को प्रोड्यूस किया है ललित ने, मैं हूँ मंगलम् भारत। सुनते रहें ABP LIVE PODCAST.