Valentine's Day : सुनिए कहानी उसी DDLJ की जिसने एक पूरी पीढ़ी को मोहब्बत के मायने समझाए
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
बॉलीवुड में फिल्म का ब्लॉकबस्टर हो जाना.. अब नई बात हो गई है लेकिन DDLJ का फिर से पर्दे पर लौटना कुछ भी हैरान नहीं करता. मुंबई का एक थियेटर है मराठा मंदिर जहां ये फिल्म पिछले 28 सालों से दिखाई जा रही है. इस बार देश के 37 शहरों में क्यों डीडीएलजे फिर से रिलीज की गई? इसमें नया क्या है! नया है शाहरुख का चार्म.. पर्दे का सुपरस्टार, करोड़ों दिलों का चहेता जब अचानक से डूबता हुआ बताया जाने लगा तो उसकी वापसी की खुशी में, स्टारडम का जश्न मनाने के लिए डीडीएलजे की फिर याद आ गई।
हम सबके लिए डीडीएलजे दीवार से टंगे उस काउबेल की तरह है.. किसी के घर के कोने में आज भी ऑडियो कैसेट पड़ा होगा.. पोस्टर लेकर हम कभी घर आए होंगे.. मेंडोलिन का नाम भले पहली बार सुना होगा लेकिन ऐसा लगा होगा कि वो घर की आलमारी में अब भी रखी हुई है। किसी ने डायलॉग दोस्तों को सुनाए होंगे तो किसी ने हेयरस्टाइल रखी होगी.. तो किसी को यकीन होगा कि अगर लड़की पलटी तो पक्का प्यार में होगी.. इन किस्सों को यकीन की चाशनी में भिगोने वाली फिल्म से जुड़े कुछ किस्से याद दिलाने का आज दिन है. क्योंकि महीना मोहब्बत का है और दिल लगाने के लिए ना तो आपको पठान बनना पड़ेगा ना शाहरुख.. बस दिल के किसी कोने में राज और सिमरन हो.. तो आज कहानी उसी DDLJ की.. जिसने एक पूरी जेनरेशन को मोहब्बत के मायने समझाए..सुनिये सिर्फ abp Live Podcasts पर रोमाना इसार खान की आवाज़ में, जिसे लिखा है अभिनीत कुमार ने.