क्या अमीरों पर टैक्स बढ़ाया जाना चाहिए? आँकड़ों के साथ इस पर बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार विजय विद्रोही।
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
12 सालों में तीसरी बार वॉरेन बफ़ेट ने कहा है कि अमीरों पर सरकारों को टैक्स बढ़ाना चाहिए। जहाँ जापान, जर्मनी और फ़्रांस के अमीरों ने इसका समर्थन किया है, वहीं भारत में इस पर चर्चा नहीं होती। भारत के 65 करोड़ लोगों जितनी संपत्ति 11 सबसे अमीर लोगों के पास है। आर्थिक असमानता का आलम ये है, जहाँ गौतम अडाणी विश्व के तीसरे सबसे अमीर शख़्स हैं, वहीं NCRB के आँक़ड़ों के मुताबिक़ कोविड के बाद दिहाड़ी मज़दूरों की आत्महत्या की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। 2020 के मुक़ाबले देश में जहाँ आत्महत्या का राष्ट्रीय औसत 7.17 प्रतिशत से बढ़ा है, वहीं दिहाड़ी मज़दूरों का राष्ट्रीय औसत 11.52 प्रतिशत से बढ़ा है। इन आँकड़ों के बावजूद ये बातें किसी नेता के कानों में नहीं गूँजतीं। जिन्हें नाज़ है हिंद पर, वो कहाँ हैं? न तो अरविंद केजरीवाल, न राहुल गाँधी, न ही विपक्ष का कोई नेता इस पर बात नहीं करना चाहता।