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Gujarat Elections 2022: बिलकिस बानो केस को चुनावी मुद्दा बनाने पर शौहर याकूब ने क्या कहा , सुनिए
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
27 फरवरी 2002, आयोध्या से गुजरात आ रही करसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस को गोधरा के पास आग के हवाले कर दिया गया। 59 लोगों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई थी। पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे। गुजरात सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में था। इसकी शिकार बिलकिस बानो भी हुईं।दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की रहने वाली बिलकिस बानो का परिवार खौफ में था। 5 महीने की गर्भवती बिलकिस ने परिवार के 15 लोगों के साथ गांव और गुजरात छोड़ने का फैसला किया। 3 मार्च 2002 बिलकिस बानो और उनका परिवार जान बचाते हुए छप्परवाड़ गांव पहुंचा। उपद्रवी भीड़ को आता देखकर परिवार के साथ जान बचाने के लिए खेतों में छिप गया लेकिन भीड़ ने उन्हें देख लिया। बिलकिस के परिवार पर सब टूट पड़े। चार्जशीट में पुलिस ने बताया था कि लगभग 30 से 40 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला बोला और उनकी हत्या कर दी। बिलकिस बानो के समेत उनके परिवार की 4 महिलाओं के साथ रेप किया गया। दंगाइयों ने उनके परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या कर दी। बिलकिस की तीन वर्षीय मासूम बेटी को भी आंखों के सामने ही मार डाला। साल 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार की हत्या करने वाले दोषी 11 में 10 लोग 1000 दिनों से अधिक के लिए पैरोल, फरलो और अस्थाई जमानत पर बाहर रहे थे, और 11वां दोषी 998 दिनों के लिए जेल से बाहर रहा था। इन सभी को अच्छे व्यवहार के चलते गुजरात सरकार ने इसी साल 15 अगस्त के दिन रिहा कर दिया था। तभी से ये मुद्दा गरम बना हुआ है और गुजरात चुनाव में वोट बंटने का एक अहम् मुद्दा भी देखा जा रहा। इस बारे में बिलकिस के शौहर याकूब का क्या कहना है सुनिए VoteCast में ABP LIVE PODCAST पर
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