Indian Parents के लिए Boards किसी UPSC की परीक्षा से कम नहीं | Open Letter
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
आज कल तो वैसे काफी अवेयरनेस हो गयी है Boards के स्ट्रेस को कम से कम लेने की लेकिन हमारे ज़माने में Boards कैसे होते थे पता है ? सोलह आने सच बात है की बहुत से घरों में आज भी बोर्ड exams क्या होते हैं, सुनो Open Letter :
पहले के ज़माने में boards का इतना खौफ फैलाया जाता था जैसे एग्जाम नहीं कोई zombie आ गया हो
पहले के ज़माने में boards का इतना खौफ फैलाया जाता था की एग्जाम सेंटर पहुँचने से पहले ही एक-दो को ग्लूकोस की बोतल चढ़ जाती थी, बल्कि एडमिट कार्ड के आते ही Boards वाले घर, फिल्मों में दिखाए जाने वाले भूत बंगले में तब्दील हो जाते थे।आज की generation जिस तरह से शान्ति की तलाश में पहाड़ों पे चली जाती है न, पहले किसी ऐसे व्यक्ति के घर चले जाते थे जिसके यहाँ बोर्ड एक्साम्स वाला साल हो। उन घरों में सब बात भी ऐसे करते थे, sssshh बोर्ड्स हैं। एक साल के लिए वो घर, घर नहीं, मोक्ष प्राप्ति का केंद्र बन जाता था ! indian parents के लिए Boards किसी UPSC की परीक्षा से कम नहीं होता, बच्चे को तो यकीन हो जाता है की ये बोर्ड एग्जाम का question paper कोई ३ idiots का वायरस जैसा शक़्स ही set करता होगा ! बोर्ड्स एक ऐसा त्यौहार है जिसे सिर्फ बच्चा नहीं, पूरा परिवार मिलके एक साल तक मनाता है। उस एक पूरे साल हम किसी शादी में नहीं जाते, घूमने नहीं जाते, मूवी नहीं जाते, पार्टी नहीं करते, ये रीति-रिवाज़ हैं जो बोर्ड एक्साम्स वाले घरों में पूरे एक साल शिद्दत से follow किये जाते हैं। अब इस तपस्या के परिणाम के नज़दीक आते जा रहे हैं आप। सुनिए Open Letter मानसी के साथ सिर्फ abp Live Podcasts पर