जब तक कोई US से चॉकलेट न भिजवाए तब तक क्या ख़ाक चॉकलेट डे मनाया | Open Letter
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आज के दिन अगर तुम्हे किसी के पास चॉकलेट दिखे तो इसका ये मतलब नहीं की उसे किसी ने दी हो, उसका ये मतलब भी हो सकता है की वो तोहफा उसने खुद को दिया हो। और अगर किसी के पास न दिखे तो ये मत समझना की हाय किसी ने नहीं दी इसे, हो सकता है वो गुटका खाता हो ! लड़कियों का तो ये हिसाब है की हमको चॉकलेट डे पे चॉकलेट भी चाहिए और हमको रोना भी है की चॉकलेट खाने से तो मोटी हो जाउंगी। ये सब दोगलापन है .
आपका बजट किटकैट खरीदने की इज़ाज़त कितना ही दे रहा हो लेकिन या तो रिश्ता बचा लो या बजट।
एक ज़माना था जब हम ये दिखाते थे की ओह हमें चॉकलेट डे पे चॉकलेट मिली है। अब एक ज़माना आया है की ओह हमें महंगी वाली चॉकलेट मिली है। फरारी वाली चॉकलेट से नीचे तो मतलब हम बात ही नहीं करते थे। फेरो......जाने दो !
ज़हर ही सही लेकिन सबको डार्क चॉकलेट चाहिए , कोरोना के बाद सबको हेज़लनट से नीचे कोई चॉकलेट नहीं चाहिए। और आज आलम ये है की जब तक कोई US london paris से चॉकलेट न भिजवाए तब तक क्या ख़ाक चॉकलेट डे मनाया ?
बाकी निब्बा निब्बियों को इस त्यौहार की शुभकामनाएं।