सर्दी और बारिश के बीच लगी शर्त, स्वेटर पहनाने की | Open Letter
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
ठंडी हवा चल रही हैं , बारिश आ रही है, हमको सत्ता रही है और इसलिए लिखा है सर्दियों की बारिश के नाम एक Open Letter
डिअर सर्दियों की बारिश,
हमें सर्दियां और सूरज का रिश्ता तो समझ आता है लेकिन ये इंद्र देवता के साथ गरूपिस्म करने की कोई ज़रूरत नहीं थी
एक तो वैसे ही सर्दियों में कपड़े नहीं सूख रहे थे अब तुम्हारे चक्कर में धुल भी नहीं रहे
जो ठण्ड के नाम पे लोटा भरके चा पी रहे थे अब बाल्टी भरके पी रहे हैं
और अदरक तो इतना बिक रहा है की आने वाले बजट में अलग से जगह दी जाएगी ऐसा लग रहा है
घर की टंकी से निकलते पानी को तो कण्ट्रोल कर सकते हैं लेकिन आसमान की टंकियों को कैसे रोकें ?
ठण्ड के मौसम में फ्रिज के अंदर का एहसास तो पहले ही हो रहा होता है लेकिन बारिश के हो जाने से ऐसा लगता है किसी ने डीप फ्रीजर में डाल दिया
माना शादियों का सीजन चल रहा है पर तुम्हारी वाली की भी हो गयी क्या जो रोए पड़े हो ? ये सर्दी और बारिश ने आपस में ५-५ की शर्त तो नहीं लगायी की कौन लड़कियों को स्वेटर पहना के रहेगा ? सुनो, जायदाद बेच के भी तुम वो नायाब स्वेटर नहीं ले सकते जिसे लड़कियां सर्दियों की शादी में पहन लें ! ऊप्स! मैं भी न, समझ ही नहीं पायी की राहुल गाँधी को स्वेटर पहनाने के लिए आयी होग।थोड़ी सी सर्दी कम हुई तो लगा सर्दी गयी वेकेशन पे, लेकिन पता नहीं था मानसून ओवरटाइम करने आ जायेगा,
सुनो अगर रिश्तेदारी में ओवरटाइम कर रहे हो तो भारत जोड़ो यात्रा की क्लोजिंग सेरेमनी सफलता पूर्वक हो गयी है,अब तो चले जाओ !
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