Pulwama Attack Anniversary : जो जीते ही मरने के लिए हैं, वो फौजी है | Open Letter
एपिसोड डिस्क्रिप्शन
उम्मीद है मुझे कि ये याद दिलाने कि ज़रूरत नहीं कि आज क्या है। हाँ आज 14 फरवरी है। 14 फरवरी के दिन ही चार साल पहले जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था. दोपहर करीब 3 बजे जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.
इसीलिए लेकर आयी हूँ आज का open Letter फौजी के नाम
Dear फौजी,
ख्वाहिश थी मेरी बचपन से की फौजी बनना है, यूनिफार्म बहुत चार्मिंग लगती है
जब जब मैं ये कहती तो पापा कहते, हर कोई नहीं बन सकता बेटा
तब मुझे यही लगता था की फौजी बनने के लिए सुबह जल्दी ही तो उठना पड़ता है, अपना favourite जंक फ़ूड छोड़के कसरत ही तो करनी पड़ती है, हर रोज़ अलग अलग ड्रेसेस नहीं बस एक ही यूनिफार्म पहननी होती है।
पर अब जाके समझ आया की हम किसी एक के लिए तो प्यार में जान दे सकते हैं, मगर किसी दूसरे के लिए जो जान दे, वो फौजी है
अब समझ आया की जिसके वीकेंड प्लान न हो और जिसे मंडे ब्लूज न हो, वो फौजी है
अब समझ आया की जिसके मुँह से ये न निकले की जितना सैलरी उतना काम, वो फौजी है
जिनके things to do की list में goa जाना शायद न हो शामिल, वो फौजी है
जिनके घर माँ और बीवी के बीच शायद ये बहस कभी हो ही न की बेटा किसको ज़्यादा चाहता है
क्यूंकि ये हर कोई जानता है की जो वतन को सबसे ज़्यादा चाहे, वो फौजी है
सही कहते थे पापा कि हर कोई नहीं बन सकता बेटा
जो जीते ही मरने के लिए हैं, वो फौजी है
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