जैसे सोने में कैरेट होते हैं, चांदी की शुद्धता भी उसकी सुंदरता से तय होती है जैसे 999, 925, 900 वगैरह. यह प्रति 1000 भागों के हिसाब से रेफर करता है. 999 की सुंदरता वाली चांदी को शुद्ध चांदी माना जाता है, जबकि 925 की सुंदरता वाली चांदी में 92.5 फीसदी चांदी होती है. बाकी प्योरिटी वाली चांदी में कोई और मेटल या मिक्स्ड धातु होती हैं.
भारतीय महानगरों में आज चांदी की कीमत
City | 10 grams | 100 grams | 1kilogram |
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Mumbai City | ₹965.74 | ₹9,657.37 | ₹96,574 |
Chennai | ₹924.44 | ₹9,244.42 | ₹92,444 |
New Delhi | ₹968.55 | ₹9,685.53 | ₹96,855 |
Hyderabad | ₹926.32 | ₹9,263.19 | ₹92,632 |
Bangalore | ₹922.57 | ₹9,225.65 | ₹92,257 |
Kolkata | ₹953.54 | ₹9,535.36 | ₹95,354 |
Patna | ₹936.92 | ₹9,369.25 | ₹93,692 |
Chandigarh | ₹945.19 | ₹9,451.93 | ₹94,519 |
Jaipur | ₹954.10 | ₹9,540.99 | ₹95,410 |
Lucknow | ₹938.52 | ₹9,385.20 | ₹93,852 |
भारत के सभी शहरों में चांदी की कीमत
Frequently Asked Questions
चांदी की शुद्धता या प्योरिटी कैसे निकालते हैं?
क्या शुद्ध चांदी से गहने या सिक्के बनाना मुश्किल है?
चांदी के सिक्कों में 90 फीसदी चांदी होती है क्योंकि क्योंकि शुद्ध चांदी से गहने या सिक्के बनाना मुश्किल है. सबसे अच्छी चांदी स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेची जाती है जिसमें 92.5 फीसदी चांदी होती है. इस पर .925 या 925 की मुहर लगी होती है.
ज्वैलर्स चांदी के गहनों की कीमत कैसे निकालते हैं?
चांदी की कीमत निकालने का फॉर्मूला है- प्रति ग्राम चांदी की दर x चांदी का वजन x चांदी की शुद्धता. इस कीमत पर ज्वेलरी मेकिंग चार्ज, हॉलमार्किंग चार्ज (यदि कोई हो) और जीएसटी जोड़कर चांदी के गहनों की कीमत निकालते हैं.
चांदी को किसमें मापा जाता है और औंस का मतलब क्या है?
चांदी को ग्राम या औंस में मापा जाता है. एक औंस करीब 31.10 ग्राम के बराबर होता है. शुद्ध चांदी काफी नरम होती है जिसे 'फाइन सिल्वर' कहा जाता है. चांदी को मजबूती देने के लिए इसमें तांबा, जस्ता या निकल मिलाया जाता है.
चांदी का इस्तेमाल गहनों के अलावा कहां-कहां होता है?
चांदी का इस्तेमाल सिर्फ गहनों में ही नहीं बल्कि इंडस्ट्री में भी होता है. मोबाइल फोन, चिप इंडस्ट्री, सिंपल बैटरी के अलावा इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी में, दवाओं में, टीवी, लैपटॉप बनाने में, सोलर पैनल पर पेस्ट करने में, अप्लायंसेज जैसे एयर कंडीशनर्स, वॉटर फिल्टर, ओवन, माइक्रोवेव बनाने में चांदी का जमकर इस्तेमाल होता है. लिहाजा चांदी के कुल इस्तेमाल में 50 फीसदी हिस्सा इंडस्ट्रियल मांग का है.